धरती के पास से गुजरने वाला हैं सात विशाल आकार के एस्‍ट्रायड! बेहद खास मौका

नासा के सेंटर फार नीयर अर्थ आब्‍जेक्‍ट स्‍टडीज के मुताबिक 15 अक्‍टूबर को ही धरती के पास से एक विशाल एस्‍ट्रायड गुजरा है

Update: 2021-10-18 13:02 GMT

आने वाले दिनों में धरती के पास से बड़े आकार के एस्‍ट्रायड गुजरने वाले हैं। नासा के सेंटर फार नीयर अर्थ आब्‍जेक्‍ट स्‍टडीज के मुताबिक 15 अक्‍टूबर को ही धरती के पास से एक विशाल एस्‍ट्रायड गुजरा है। इसका आकार करीब 525 फीट चौड़ा था और इसका नाम 2021 एसएम3 था।

नासा के मुताबिक इस वर्ष के नवंबर तक धरती के पास से करीब सात बड़े आकार के एस्‍ट्रायड गुजरने वाले हैं। यूएसए की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 2004 यूई सबसे बड़ा है। इसका डायामीटर करीब 1246 फीट है। 20 अक्‍टूबर को करीब 2.1 मिलियन मील की दूरी से 1996 वीबी3 नाम का एक एस्‍ट्रायड गुजरेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये एस्‍ट्रायड धरती के बेहद करीब से गुजरने वाला है। हालांकि धरती के पास से गुजरने वाले इन एस्‍ट्रायड को बिना टेलीस्‍कोप की मदद से देखा नहीं जा सकता है।
स्‍पेस डाटकाम के मुताबिक अंतरिक्ष में इन जैसे लाखों एस्‍ट्रायड हर वक्‍त चक्‍कर लगाते रहते हैं। इनका आकार कुछ मीटर से सैकड़ों किमी तक हो सकता है। हालांकि अंतरिक्ष में प्रमुख एस्‍ट्रायड बेल्‍ट मार्स और जूपिटर के बीच में मौजूद है जो धरती से करीब छह लाख मील की दूरी पर स्थित है। नासा ने हाल ही में जो लूसी मिश्‍न लांच किया है उसका मकसद ही एस्‍ट्रायड के बारे में अधिक से अधिक जानकारी इकट्ठा करना है।
एस्‍ट्रायड बेल्‍ट में धूमते हुए एस्‍ट्रायड जब किसी दूसरे की टक्‍कर से इस बेल्‍ट से बाहर निकल जाते हैं तो वो खुले ब्रह्मांड में चक्‍कर लगाने लगते हैं। कई बार ये दूसरे ग्रहों के इतना करीब चले जाते हैं कि उनकी मैग्‍नेटिक फील्‍ड उन्‍हें अपनी तरफ तेजी से खींचने लगती है। धरती जैसे ग्रह के साथ भी यही है। जब भी किसी एस्‍ट्रायड के धरती से टकराने की बात कही जाती है तो इसका अर्थ यही होता है कि वो एस्‍ट्रायड धरती की मैग्‍नेटिक फील्‍ड के बेहद करीब है।
यदि कोई भी एस्‍ट्रायड इसमें प्रवेश कर लेता है तो घर्षण की वजह से उसका तापमान सूरज के तापमान से भी अधिक हो जाता है। ऐसे में ये एक आग के गोले की तरह धरती पर गिरता है। इस दौरान इसके कुछ हिस्‍से नष्‍ट भी हो जाते हैं। बता दें कि करोड़ों वर्ष पहले एस्‍ट्रायड के टकराने से ही धरती से डायनासोर समेत दूसरी प्रजातियां हमेशा के लिए खत्‍म हो गई थीं।
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