पाकिस्तान सरकार के वरिष्ठ मंत्री ने TTP के साथ बातचीत की वकालत की, कहा- मिलना चाहिए मौका
प्रोत्साहित किया है और वे पाकिस्तान में पश्तूनों के शासन को देखना चाहते हैं।
पाकिस्तान सरकार के वरिष्ठ मंत्री ने आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ बातचीत की वकालत की है। शुक्रवार को इस्लामाबाद में इमरान खान के सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि अगर संगठन देश के प्रति वफादारी की दिखाने का वादा करता है तो वह टीटीपी के सदस्यों के साथ बातचीत करने को तैयार है।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री इमरान खान ने घोषणा की है कि सरकार निरस्त्रीकरण के लिए टीटीपी के कुछ समूहों के साथ बातचीत कर रही है। मंत्री ने एक वीडियो संदेश के दौरान कहा, 'संविधान का पालन करने की इच्छा रखने वाले शांतिप्रिय लोगों को सामान्य जीवन में वापस आने का मौका दिया जाना चाहिए।' उन्होंने इमरान खान का बचाव करते हुए कहा कि तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के साथ बातचीत जारी रहनी चाहिए।
इससे पहले इमरान खान ने कहा था कि सरकार प्रतिबंधित टीटीपी के कुछ समूहों के साथ बातचीत कर रही है ताकि समूह अपने हथियार डाल सके और उन्हें देश के संविधान का पालन करने के लिए राजी कर सके। इसके अलावा, खान ने बातचीत से समझौते की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि फिलहाल कुछ भी निश्चित नहीं है। वह बातचीत को ही एकमात्र समाधान के रूप में देखते है और अगर कोई समझौता होता है तो वह टीटीपी को 'माफ' करने को तैयार है।
हालिया घटनाक्रम में टीटीपी नेता मुफ्ती वली नूर महसूद ने जापानी मीडिया आउटलेट मैनिची शिंबुन के साथ एक विशेष साक्षात्कार में अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी का स्वागत किया था। नूर महसूद ने कहा, 'हम दोनों संगठनों के बीच मजबूत संबंधों के लिए आशान्वित हैं।' विशेषज्ञों का मानना है कि अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रमों ने टीटीपी सदस्यों को प्रोत्साहित किया है और वे पाकिस्तान में पश्तूनों के शासन को देखना चाहते हैं।