वैज्ञानिक हैरान, पृथ्वी के काफी 'करीब' से मिल रहे 'अजीब संकेत'

एलियंस की मौजूदगी को लेकर पिछले कुछ समय से एक बार फिर से चर्चा गरम हो रही है

Update: 2021-07-07 13:50 GMT

एलियंस की मौजूदगी को लेकर पिछले कुछ समय से एक बार फिर से चर्चा गरम हो रही है. वैज्ञानिकों को अब एक और सबूत मिला है, जिससे दूसरे ग्रहों पर प्राणियों की मौजूदगी की संभावना को बल मिल रहा है. 28 अप्रैल, 2020 को पृथ्वी पर तैनात दो रेडियो टेलिस्कोप ने रेडियो तरंगों के बहुत ही अजीब से सिग्नल पकड़े. हालांकि यह सिग्नल सिर्फ कुछ मिलीसेकंड के लिए था, लेकिन इतने करीब से पहली बार रेडियो सिग्नल (Fast Radio Burst) (FRB) मिले हैं. (Aliens sending signals Strange signal coming from milky way)


जहां से यह सिग्नल आए हैं, वो हमारी धरती से महज 30 हजार प्रकाश वर्ष की दूरी पर है. हमारी मिल्की वे से आ रहे ये सिग्नल काफी ज्यादा स्पष्ट हैं. द कनेडेयिन हाइड्रोजन इंटेनसिटी मैपिंग एक्सपेरिमेंट (CHIME) और सर्वे फॉर ट्रांसिएंट एस्ट्रोनॉमिकल रेडियो एमिसन 2 (STARE2) को इन सिग्नल को पकड़ने में कोई दिक्कत नहीं हुई.
अब तक आकाशगंगा से बाहर ही मिले सिग्नल
इस घटना से पहले तक जितने भी FRBs हमें मिले हैं, वो सभी हमारी आकाशगंगा से बाहर मिले हैं. स्पेस.कॉम में छपी एक खबर में कनाडा की मैक्गिल यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट कर रही प्रज्ञा चावला ने बताया कि ये सभी FRBs करोड़ों प्रकाश वर्ष की दूरी पर हैं, इसलिए इनका अध्ययन करना काफी मुश्किल है. मगर अप्रैल, 2020 में हुई खोज इसलिए भी खास है क्योंकि यह मिल्की-वे के अंदर इसे रिकॉर्ड किया गया है. इस वजह से वैज्ञानिक काफी उत्साहित हैं.

वैज्ञानिक कब से कर रहे थे इंतजार
2007 में मिल्की-वे के भीतर सिग्नल रिकॉर्ड हुए थे. उस समय ऑस्ट्रेलिया में पार्क्स रेडियो डिश के डाटा का अध्ययन डंकन लॉरमेर और डेविड नारकेविक ने किया था. इतने करीब से FRB मिलने की ख्वाहिश वैज्ञानिक लंबे समय से कर रहे थे. विशेषज्ञों का कहना है कि 30 हजार प्रकाश वर्ष की दूरी से मिले स्रोत का अध्ययन कम काफी ज्यादा अच्छे ढंग से कर सकते हैं.

सूर्य से 100 गुना ज्यादा शक्तिशाली
FRBs के अध्ययन में सबसे बड़ी समस्या यही है कि ये सिग्नल ब्रह्मांड में बहुत ही दूरी से आते हैं. सूर्य से 100 गुना ज्यादा शक्तिशाली होने के बावजूद ये पलक झपकते ही गायब हो जाते हैं. इन सिग्नल्स से इतनी ज्यादा एनर्जी निकलती है, जितनी सूर्य 100 साल में भी पैदा नहीं कर पाता है. एस्ट्रोनॉमर्स टेलिस्कोप की मदद से इस पर फोकस करते हैं, लेकिन ये बर्स्ट बहुत ही तेजी से गायब हो जाते हैं. इसलिए इन्हें स्टडी करने के मौके बहुत ही कम मिल पाते हैं.
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