वैज्ञानिकों ने बनाया दुनिया के सबसे तेज कंप्‍यूटर, जिसकी इंसान कल्‍पना भी नहीं कर सकता

जिसको सुलझाने में आम कंप्‍यूटरों को 10 हजार साल लग जाता।

Update: 2021-11-01 11:09 GMT

चीन के वैज्ञानिकों ने दुनिया के सबसे तेज सुपर कंप्‍यूटर का निर्माण किया है। यह सुपर कंप्‍यूटर धरती पर मौजूद सबसे तेज कंप्‍यूटर की तुलना में 10 लाख गुना ज्‍यादा शक्तिशाली है। बताया जा रहा है कि चीन अभी भी इन क्‍वांटर कंप्‍यूटर्स पर काम कर रहा है। ये कंप्‍यूटर वह हर चीज करने में सक्षम हैं जिसकी इंसान अभी कल्‍पना भी नहीं कर सकता है। चीन के नैशनल सुपरकंप्‍यूटिंग सेंटर ने दावा किया है कि उसने दुनिया के पहले 'एक्‍साफ्लॉप' क्‍वांटम कंप्‍यूटर का निर्माण कर लिया है।

चीनी वैज्ञानिकों ने कई साल तक इस कंप्‍यूटर को दुनिया से छिपाकर रखा और कहा कि वे दुनिया के किसी भी सबसे तेज सुपर कंप्‍यूटर की तुलना में 100 ट्रिल्‍यन गुना ज्‍यादा तेजी से गणना करने में सक्षम हैं। वैज्ञानिकों ने एक अध्‍ययन में कहा, 'हमारा अनुमान है कि लक्ष्‍य हो पूरा हो गया है। हमारे कंप्‍यूटर जूचोंगझी ने जिस काम को मात्र 1.2 घंटे में पूरा किया, उसे दुन‍िया के सबसे तेज कंप्‍यूटर को पूरा करने में कम से कम 8 साल लग जाते।'
उन्‍होंने कहा कि यह 'क्‍वांटम' कंप्‍यूट‍िंग तकनीक का कमाल है जिसकी वजह से वे इस कंप्‍यूटर को बनाने में सफल रहे। आमतौर पर परंपरागत कंप्‍यूटर जैसे लैपटॉप या हमारे स्‍मार्टफोन सूचनाओं को एक और जीरो में बदलते हैं। कंप्‍यूटर प्रोसेसर्स को भी इसी तरह से एक और जीरो के बीच काम करना होता है लेकिन इसकी एक सीमा है कि वे कितनी तेजी से कर सकते हैं।
क्‍वांटम कंप्‍यूटर्स ब्रह्मांड के सबसे छोटे पार्टिकल का इस्‍तेमाल करते हैं ताकि वे 'क्‍वांटम की अवस्‍था' को पा सकें। इस अवस्‍था में आने पर प्रोसेसर भी ठीक उसी समय में एक और जीरो पर काम करते हैं। इससे वे बहुत तेजी से काम कर पाते हैं। इससे बहुत तेजी से और आसानी काम होता है। चीनी वैज्ञानिक बहुत लंबे समय से इस कंप्‍यूटर पर काम कर रहे थे। चीन के इस क्‍वांटम सुपर कंप्‍यूटर के सबसे नजदीक गूगल का Sycamore कंप्‍यूटर है। गूगल के कंप्‍यूटर ने गणना से जुड़ी ऐसी समस्‍याओं का समाधान किया जिसको सुलझाने में आम कंप्‍यूटरों को 10 हजार साल लग जाता।
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