वैज्ञानिकों ने बेहद दुर्लभ जीवाश्म की खोज की, करोड़ों साल पहले गोंद में जम गया था 0.02 इंच से भी छोटा जीव
नॉर्थ फ्लोरिडा के प्रफेसर फ्रेंक स्मिथ ने कहा कि जीवाश्म रिकॉर्ड सिर्फ तरह के टार्डीग्रेड का दावा करते हैं। ऐसे में तीसरी प्रजाति की खोज बहुत बड़ी बात है।
वैज्ञानिकों ने एक बेहद दुर्लभ जीवाश्म की खोज की है जो 1 करोड़ 60 लाख साल पहले पेड़ के गोंद में जम गया था। इस जीवाश्म में वैज्ञानिकों को टार्डीग्रेड की एक अज्ञात प्रजाति मिली है। वर्तमान समय में पाए जाने वाले टार्डीग्रेड, जिन्हें वॉटर बियर या मॉस पिगलेट के नाम से भी जाना जाता है, तरल वातावरण में पाए जाते हैं। गहरे समुद्र से लेकर पतली पानी की परत में ये पाए जा सकते हैं। यह छोटा-सा जीव अपनी जीवित रहने की अद्भुत क्षमता की वजह से जाना जाता है।
यह चरम तापमान से लेकर दबाव और रेडिएशन को भी बर्दाश्त कर सकता है। किसी जीवित टार्डीग्रेड को मारना असंभव कहा जा सकता है। अपने सूक्ष्म आकार और कठोर शरीर न होने के चलते टार्डीग्रेड के जीवाश्म की खोज बेहद दुर्लभ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक सिर्फ तीन जीवाश्मों की खोज ही हो पाई है। इनमें से दो जीवाश्म की खोज कनाडा और न्यू जर्सी और एक की खोज पश्चिमी साइबेरिया में की गई थी।
बेहद अच्छी तरह संरक्षित जीवाश्म
Proceedings of the Royal Society B: Biological Sciences नामक पत्रिका में छपी अब एक नई रिसर्च टार्डीग्रेड की नई प्रजाति की खोज का दावा करती है। यह प्रजाति डोमिनिकन रिपब्लिक में गोंद के भीतर जमी हुई पाई गई। यह इतनी अच्छी तरह से संरक्षित किया गया है कि वैज्ञानिकों ने Paradoryphoribius chronocaribbeus नाम की नई प्रजाति की खोज बड़ी आसानी से कर ली। यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ फ्लोरिडा के प्रफेसर फ्रेंक स्मिथ ने कहा कि जीवाश्म रिकॉर्ड सिर्फ तरह के टार्डीग्रेड का दावा करते हैं। ऐसे में तीसरी प्रजाति की खोज बहुत बड़ी बात है।