Scientists को मिले 'राक्षस प्रजाति' के दो दुर्लभ डायनासोर, हुए शॉकिंग करने वाले खुलासे
'राक्षस प्रजाति' के दो दुर्लभ डायनासोर
बीजिंग, अगस्त 14: ड्रैगन के देश चीन में दो ऐसे विशालकाय डायनासोर की प्रजाति मिली है, जिसे देख वैज्ञानिक हैरान हैं और कह रहे हैं कि प्रकृति के पास इंसानों को हैरान करने के लिए हर पल कुछ ना कुछ मौजूद है। साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, वैज्ञानिकों ने उत्तर पश्चिमी चीन में डायनासोर की दो नई प्रजातियों की खोज की है, और ये एक ऐसा क्षेत्र है, जहां इससे पहले कभी भी डायनासोर नहीं मिले थे।
130 मिलियन साल पुराने
वैज्ञानिकों के मुताबिक व्हेल से भी बड़े आकार के दोनों डायनासोर के जीवाश्म जिस इलाके में मिले हैं, वहां इसके मिलने की कल्पना भी नहीं की गई थी। स्टडी के आधार पर कहा गया है कि करीब 130 मिलियन साल से 120 मिलियन साल पहले तीन अलग-अलग डायनासोर के जीवाश्म चीन के तुर्पन-हामी बेसिन में लगभग 2 से 5 किमी के क्षेत्र में पाए गये थे। चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज और ब्राजील के नेशनल म्यूजियम के शोधकर्ताओं ने गुरुवार को नेचर फैमिली ऑफ जर्नल्स में अपनी रिसर्च के हिस्से और निष्कर्ष प्रकाशित किए हैं।
व्हेल मछली से भी ज्यादा लंबाई वैज्ञानिकों ने डायनासोर के इन दोनों प्रजातियों का नाम सिलुटिटन साइनेंसिस या "सिलू" और हैमिटिटन शिनजियोंगसिस नाम दिया है, जहां शिनजियांग में जीवाश्म नमूना पाया गया था। उन्होंने कहा है कि "सिलू" का अर्थ चीनी मंदारिन पिनयिन में "सिल्क रोड" है। ये वो सिल्क रोड की बात है, जिसकी कल्पना चीन की सरकार ने खर रखी है। अध्ययन के अनुसार, सिलुटिटान साइनेंसिस सरूपोड की एक नई प्रजाति है और एक बहुत लंबी गर्दन, लंबी पूंछ, बड़े शरीर और छोटे सिर वाला पौधा खाने वाला ये डायनासोर रहा होगा। स्टडी के मुताबिक, डायनासोर की गर्दन की कशेरुकाओं में कुछ विशेषताएं पाई गई थीं जो यह संकेत देती हैं कि यह यूहेलोपोडिडे नामक सैरोपोड्स के परिवार से संबंधित है, जो अब तक केवल पूर्वी एशिया में पाए गए हैं।
55 फीट लंबा होगा डायनोसोर शोधकर्ताओं ने कहा कि Hamittan xinjiangensis का अनुमान है कि यह डायनासोर 55 फीट से ज्यादा लंबा होगा और इसमें दक्षिण अमेरिका में पाए जाने वाले सॉरोपोड्स के समान विशेषताएं हैं। कशेरुकाओं के साथ आकार और लकीरें बताती हैं कि यह टाइटेनोसॉर के नाम से जाने जाने वाले सॉरोपोड्स के परिवार से संबंधित है, जो एशिया और दक्षिण अमेरिका दोनों में प्रचुर मात्रा में थे। वहीं, सिलुटिटान साइनेंसिस सरूपोड डायनोसोर का आकार करीब 65 फीट से ज्यादा रहा होगा, यानि व्हेल के मुकाबले दोगुना लंबा। स्टडी के मुताबिक, एक तीसरा नमूना भी है, जो एक सोम्फोस्पोंडिलन सॉरोपॉड हो सकता है, जो डायनासोर का एक समूह है, जो करीब 160.3 मिलियन वर्ष पूर्व यानि क्रेटेशियस काल तक रहता होगा।
डायनासोर के जीवन पर होगा खुलासा ? अध्ययन के सह-लेखक और ब्राजील के रियो डी जनेरियो में राष्ट्रीय संग्रहालय के निदेशक अलेक्जेंडर केल्नर ने एबीसी न्यूज को बताया, "हम रिसर्च के उस हिस्से के बारे में बहुत उत्साहित थे, और अब यह एक तरह की पहेली है जिसे हमें समझना है।" "यह लगभग 'दक्षिण अमेरिकी' डायनासोर एशिया में कैसे समाप्त हुआ?" इसके बारे में हमें जानने के लिए अब काफी कुछ मिलेगा। केल्नर ने कहा कि वे और अधिक जानने के लिए खुदाई जारी रखने की योजना बना रहे हैं।
अंडों से भरे घोंसले की खोज जीव विज्ञानी केल्नर का मानना है कि अंडे से भरे घोंसले और नई खोजी गई प्रजातियों के भ्रूण अवशेष जमीन के नीचे छिपे हुए हो सकते हैं। उन्होंने एबीसी न्यूज को बताया, "हम वहां डायनासोर के घोंसले खोजने का सपना देखते रहते हैं। यह हमारी अब तक की सबसे बड़ी उम्मीद है।" आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत में दक्षिण-पूर्व चीन में जीवाश्म भ्रूण के साथ अंडों के घोंसले पर बैठे हुए एक डायनासोर को खोजा गया था। इसके साथ ही पिछले साल सितंबर में भी पूर्वोत्तर चीन में एक और डायनासोर की नई प्रजाति की खोज की गई थी।