ब्रह्मांड में वैज्ञानिकों ने खोजा दूसरा सौरमंडल, यहां केंद्र में स्थित तारा TRAPPIST-1 बिल्कुल पृथ्वी जैसा
ब्रह्मांड में वैज्ञानिकों ने खोजा दूसरा सौरमंडल
दुनियाभर के वैज्ञानिक पृथ्वी (Earth) से इतर जीवन की तलाश के लिए ऐसे ग्रहों की तलाश कर रहे हैं, जहां जीवन के पनपने की उम्मीद है. इसी कड़ी में वैज्ञानिकों ने ऐसे ग्रहों के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए 'होली ग्रेल' सौरमंडल (Holy Grail Solar System) की जांच शुरू कर दी है. इस सौरमंडल में जीवन के मौजूद होने की संभावना है.
NASA के मुताबिक, इस सौर मंडल के केंद्र में स्थित तारा TRAPPIST-1 बिल्कुल पृथ्वी की तरह दिखाई देता है. इसे 2017 में वैज्ञानिकों द्वारा खोजा गया था. इसके बाद से ही एस्ट्रोनोमर्स ने इस सौरमंडल के बारे में और अधिक जानकारी हासिल की है.
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस सौरमंडल में कई ऐसे ग्रह हैं जहां जीवन हो सकता है. एक नई रिसर्च से पता चलता है कि TRAPPIST-1 सौरमंडल में मौजूद सात ग्रह पृथ्वी से काफी अलग हैं. लेकिन अपनी कक्षाओं में बिल्कुल एक साथ हैं.
ये ग्रह संगीत के स्वरों की तरह एक लाइन में हैं, इसलिए वैज्ञानिक इनके लिए 'सद्भाव' (Harmony) शब्द का प्रयोग करते हैं. नई रिसर्च वैज्ञानिकों को इन ग्रहों के इतिहास को बेहतर ढंग से समझने में मदद करती है. इसमें बताया गया है कि इन ग्रहों का निर्माण कैसे हुआ है. इसके जरिए अब ये भी पता चल सकता है कि ग्रहों में जीवन शुरू करने के लिए पानी और अन्य जरूरी चीजें मौजूद हैं या नहीं.
अब तक के अनुमान बताते हैं कि ये ग्रह पृथ्वी से 10 गुना तेज गति से बने होंगे. विशेषज्ञ रिसर्च के लिए जटिल प्रक्रियाओं पर भरोसा करते हैं क्योंकि वे भौतिक रूप से 40 प्रकाशवर्ष दूर मौजूद ग्रहों का निरीक्षण नहीं कर सकते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ बोर्डो के एस्ट्रोफिजिसिस्ट सीन रेमंड ने बताया कि चट्टानी ग्रहों के बनने के बाद स्पेस में मौजूद चीजें उनसे टकराती हैं, इसे बमबारी कहा जाता है.
सीन रेमंड ने कहा कि हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि ये प्रभाव पानी और जीवन को बनाए रखने वाले अस्थिर तत्वों का एक महत्वपूर्ण स्रोत हो सकते हैं. फिलहाल अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA मंगल ग्रह पर जीवन के सबूत तलाश रही है. NASA के रोवर्स मंगल ग्रह की जांच कर रहे हैं और लगातार तस्वीरें भेज रहे हैं. ऐसा माना जाता है कि कई साल पहले मंगल पर महासागर और नदियां मौजूद थीं.