वैज्ञानिकों का दावा- मूंगफली खाने से कम होता है हृदय रोग का खतरा

प्रश्नावली के आधार पर धूमपान, डाइट तथा शराब पीने के कारण होने वाले जोखिमों को भी समायोजित किया गया।

Update: 2021-09-13 06:27 GMT

मूंगफली के फायदे के बारे में बहुत सारी बातें सामने आ चुकी हैं। अब एक नए अध्ययन में बताया गया है कि जो लोग रोजाना औसतन चार-पांच मूंगफली खाते हैं, उन्हें मूंगफली नहीं खाने वालों की तुलना में हृदय रोग का खतरा कम होता है। अध्ययन का यह निष्कर्ष अमेरिकन स्ट्रोक एसोसिएशन के जर्नल स्ट्रोक में प्रकाशित हुआ है।

पहले के अध्ययनों में मूंगफली खाने से लोगों के दिल की सेहत में होने वाले सुधार के बारे में बताया गया है। लेकिन ताजा अध्ययन में खासतौर पर इस बात की पड़ताल की गई है कि मूंगफली खाने से विभिन्न प्रकार के स्ट्रोक- इस्केमिक (जब धमनियों में ब्लाकेज के कारण मस्तिष्क को रक्त नहीं पहुंचता है) और हेमरैजिक (जब धमनियों में लीकेज के कारण मस्तिष्क को रक्त नहीं पहुंचे) तथा Oदय रोग का क्या संबंध है? यह अध्ययन जापानी पुरुषों और महिलाओं पर किया गया है।
जापान में सुइता स्थित ओसाका यूनिवर्सिटी ग्रैजुएट स्कूल आफ मेडिसिन के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर तथा इस अध्ययन के लेखक सतोयो इकेहारा ने बताया, हमने पहली बार यह दिखाया है कि ज्यादा मूंगफली खाने से एशियाई लोगों में इस्केमिक स्ट्रोक का खतरा कम होता है। हमारे अध्ययन का निष्कर्ष यह है कि यदि आप अपने खाने में मूंगफली को शामिल करते हैं तो इस्केमिक स्ट्रोक की रोकथाम में फायदा मिलेगा।
मूंगफली में क्या है खास
मूंगफली में दिल के लिए पोषक माने जाने वाले तत्वों- मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड, मिनरल्स, विटामिन्स तथा फाइबर मौजूद होते हैं, जो हृदय रोगों का जोखिम पैदा करने वाले कारकों जैसे कि हाई ब्लड प्रेशर, ब्लड में बैड कोलेस्ट्राल की मात्रा तथा क्रानिक इन्फ्लेमेशन को कम करता है। शोधकर्ताओं ने इस बात की पड़ताल की है कि कितनी मूंगफली खाते हैं और उनमें स्ट्रोक तथा हृदय रोग की क्या स्थिति रही है।
कैसे किया अध्ययन
शोधकर्ताओं ने जापान पब्लिक हेल्थ सेंटर में दर्ज लोगों के डाटा का विश्लेषण किया। इसमें 45 से 74 साल के 74,000 लोगों को शामिल किया गया। इन लोगों की जीवनशैली का एक व्यापक सर्वे किया गया, जिसमें उनसे भरवाई गई प्रश्नावली में मूंगफली खाने के बारे में सवाल पूछे गए थे। इसके बाद करीब 15 वर्षो तक उनका फालोअप किया गया। इनमें से किन लोगों को स्ट्रोक और इस्केमिक हार्ट डिजीज हुआ, यह जानने के लिए पड़ोस के 78 अस्पतालों को अध्ययन में शामिल किया गया। साथ ही प्रश्नावली के आधार पर धूमपान, डाइट तथा शराब पीने के कारण होने वाले जोखिमों को भी समायोजित किया गया।

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