वैज्ञानिक ने कहा- खत्म हुआ यह जंगल तो धरती पर नहीं रहेगा मानव का अस्तित्व
हमें अपनी सरकारों से कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने के लिए दबाव बनाने की जरूरत है।
अमेजन को लेकर साल भर दुनिया में चर्चा होती रहती है कि यह घनघोर जंगल कैसे दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन रिपोर्टर्स बताती है कि अमेजन दिनों दिन सिकुड़ता जा रहा है। एरिका बेरेंगुएर ऑक्सफोर्ड और लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। उन्होंने अमेजन को बड़ी बारीकी से बढ़ा है। अमेजन के हालात की एक्सपर्ट हैं। न्यूज एजेंसी एएफपी से बात करते हुए उन्होंने अमेजन को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें कही हैं।
2.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा है तापमान
एरिका ने कहा है कि हालात खराब होते जा रहे हैं। पिछले 40 साल में अमेजन के क्षेत्र का तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है। यह विनाश की ओर का रास्ता है। मुझे नहीं लगता है कि दुनिया इसके बारे में सोच भी रही है क्योंकि पेरिस जैसे जलवायु सम्मेलन में भी 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान में कमी की बात की जा रही है। 2.5 की बात कहीं नहीं हो रही है।
उन्होंने कहा है कि अमेजन क्षेत्र में अगस्त से अक्टूबर महीने के बीच बारिश में 34 फीसद तक की कमी देखी गई है। आसान भाषा में इसका मतलब है कि अगर तापमान ऐसे ही बढ़ता रहा और जलवायु गर्म होता रहा तो जंगल में लगातार आग लगने वाली है।
हम अमेजन के बिना नहीं रह सकते
एरिका ने आगे कहा है कि अमेजन के बदलते मौसम से कई जीव-जंतु पर असर पड़ रहा है। हम इसे हल्के में नहीं ले सकते हैं। पूरे दुनिया में बारिश के पैटर्न में बदलाव देखा जा रहा है। बारिश के बिना हमारे पास हाइड्रो इलेक्ट्रिसिटी नहीं है। इसका मतलब ब्राजील में इंडस्ट्री का सफाया है। हमें यह मान लेना होगा कि हम अमेजन के बिना नहीं रह सकते हैं।
अमेजन के लिए कुछ बेहतर करने के लिए हमें कई स्तर पर समन्वय की जरूरत है। हर किसी को कार्बन का खर्च कम करना होगा। इस पर गहन रिसर्च की जरूरत है कि इसे कैसे कम से कम किया जा सकता है। हमें अपनी सरकारों से कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने के लिए दबाव बनाने की जरूरत है।