अमेरिका में कोरोना महामारी के स्कूल अधिकारियों ने 12 वर्ष छात्रों के लिए टीकाकरण का दिया आदेश, छह लाख का होगा टीकाकरण
एजेंसी ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए प्राधिकरण नहीं दिया है।
अमेरिका में कोरोना महामारी के मद्देनजर लास एंजिल्स काउंटी स्कूल के अधिकारियों ने गुरुवार को 12 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी छात्रों के लिए टीकाकरण का आदेश दिया है। हाल में लास एंजेल्स स्थित स्कूल बोर्ड के सदस्यों ने वैक्सीनेशन की प्रक्रिया के पक्ष में मतदान किया था। हालांकि, टीकाकरण की सुरक्षा को लेकर परिजनों में चिंता थी और बोर्ड के सदस्यों के निर्णय के प्रति आक्रोश भी था, बावजूद इसके बोर्ड के सदस्यों ने स्कूल आने वाले छात्रों के लिए टीकाकरण को अनिवार्य किया।
बार्ड के सदस्यों ने परिजनों के आक्रोश का दिया जवाब
इस मौके पर बोर्ड के सदस्य जैकी गोल्डबर्ग ने कहा कि मैं इसे परिजनों की पसंद या अपनी पसंद के रूप में नहीं देखता। उन्होंने कहा कि मैं इसे एक सामुदायिक आवश्यकता के रूप में देखता हूं। इसका तात्पर्य यह है कि लोगों को वे चीजें करनी होंगी, जिनके साथ वे सहज नहीं हैं, उन्हें यकीन नहीं है, इसमें कुछ जोखिम भी हो सकता है। मतदान के बाद बोर्ड ने इस फैसले पर तालियां बजाकर इसका स्वागत किया। बोर्ड के सदस्य स्काट श्मेरेल्सन को इसके लिए दबाव डाला गया कि वह यह सुनिश्चित करें कि वैक्सीन-निर्माता फाइजर (पीएफई.एन) में स्टाक मौजूद है। उन्होंने बाद में बोर्ड से कहा कि उन्होंने उनके फैसले का समर्थन किया।
600,000 से अधिक के छात्रों पर लागू होगी यह नीति
स्कूल प्रबंधन के इस फैसले के खिलाफ कुछ परिजनों ने आवाज उठाई है। परिजनों ने वैक्सीनेशन की सुरक्षा पर अपनी चिंता जाहिर की है। बावजूद इसके स्कूल प्रबंधन ने परिजनों के विरोध को दरकिनार करते हुए छात्रों को वैक्सीनेशन की प्रक्रिया का हिस्सा बनाया है। टीकाकरण की यह योजना लास एंजिल्स के स्कूलों में पढ़ रहे 600,000 से अधिक के छात्रों पर लागू होगी। अधिकारियों ने कहा कि चिकित्सा या धार्मिक कारणों से टीकाकरण से किसी भी छात्र को छूट नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यह नियम उन छात्रों पर लागू नहीं होगा, जिन्होंने घर में रहने का विकल्प चुना है। बता दें कि लास एंजिल्स के जिलों में 73 फीसद बच्चे लातीनी है। बोर्ड के सदस्यों ने कहा कि अप्रवासी माता-पिता भी इसके दायरे में होंगे।
वैक्सीनेशन प्रक्रिया पर खड़ा हुआ संकट
वैक्सीनेशन को लेकर अमेरिका में स्कूल प्रबंधन और परिजन आमने-सामने आने से एक कानूनी संकट खड़ा हो गया है। परिजन जबरन टीकाकरण की नीति का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या परिजन अदालत की शरण में जा सकते हैं। परिजनों ने कहा है कि हम इस फैसले के खिलाफ जिला अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इसके लिए कुछ परिजन कानूनविदों की सलाह ले रहे हैं। हालांकि, अमेरिका में करीब 18 महीने से यह बहस चल रही है कि क्या वैक्सीन और मास्क बच्चों के सेहत पर दुष्प्रभाव पड़ेगा। उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कोरोना वायरस को नियंत्रण में लाने के लिए संकल्प अभियान चलाया है। उन्होंने गुरुवार को एक भाषण में स्कूल कर्मचारियों सहित अधिक वैक्सीन जनादेश का आह्वान किया है। उधर, यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने मई में कहा था कि 12 या उससे अधिक उम्र के बच्चों को फाइजर और बायोएनटेक वैक्सीन दी जा सकती है। एजेंसी ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए प्राधिकरण नहीं दिया है।