सऊदी: अब 1 करोड़ भारतीय अपनी मर्जी से बदल सकेंगे नौकरी, जानें पूरा मामला
कफाला प्रणाली में सुधार
सऊदी अरब में काम कर रहे भारतीय कामगारों के लिए बड़ी खबर है. अब सऊदी के अलग-अलग देशों में काम कर रहे भारतीय लोग अपनी मर्जी से नौकरी बदल सकेंगे. साथ ही, वे जब चाहें अपने देश आ-जा सकेंगे. अभी तक नौकरी बदलने और मर्जी से स्वदेश आने की आजादी नहीं थी. लेकिन सऊदी अरब ने कामगारों के लिए एक नई प्रणाली शुरू की है, जिससे भारतीय लोगों को बड़ा फायदा मिल सकता है.
सऊदी अरब ने जिस नई प्रणाली का ऐलान किया है, उसका नाम कफाला प्रायोजन प्रणाली है. कफाला प्रायोजन प्रणाली से सऊदी में काम कर रहे लगभग 1 करोड़ लोगों को राहत मिलने की संभावना है. अगर भारतीय कामगार अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं हैं तो वे अपनी मर्जी से नौकरी बदल सकेंगे और अपने मुताबिक नौकरी पा सकेंगे. नौकरी के दौरान वे जब चाहें अपने देश आ-जा सकेंगे. इस पर किसी तरह की रोक नहीं होगी
कफाला प्रणाली में सुधार
सऊदी में काम कर रहे लोगों की अक्सर शिकायत रहती है कि जिस काम के लिए उन्हें वीजा मिलता है, कभी-कभी वह काम नहीं देकर कुछ और कराया जाता है. वहां के कानून भारतीय लोगों को ऐसी आजादी नहीं देते जिससे कि वे अपनी नौकरी बदल सकें और जैसा काम चाहें वैसा कर सकें. इससे छुटकारा देने के लिए सऊदी अरब की सरकार ने कफाला प्रायोजन सिस्टम लागू किया है. पिछले साल नवंबर में सरकार ने कफाला प्रणाली में कुछ बदलाव कर कफाला प्रयोजन प्रणाली लागू करने का वादा किया था. 14 मार्च को सऊदी सरकार ने इसे लागू भी कर दिया है. यह सिस्टम लागू होने से सऊदी में काम करने वाले लगभग 1 करोड़ लोगों को फायदा होगा.
अब नहीं होगा शोषण
भारतीय कामगारों की शिकायत रही है कि कंपनियां उनका शोषण करती हैं, ज्यादा काम कराया जाता है लेकिन उसके मुताबिक पैसे नहीं मिलते. यहां तक कि देश भी नहीं आने दिया जाता. कंपनियों की इस मनमानी को खत्म करने के लिए सऊदी सरकार ने कफाला सिस्टम लागू किया है. नए नियम के मुताबिक, कंपनियों के गलत बर्ताव और शोषण की स्थिति में कामगार अब नौकरी बदल सकेंगे. वे जहां चाहें वहां अप्लाई कर नई नौकरी पा सकेंगे.
सऊदी अरब में पहले भारतीय कामगारों के लिए कफाला प्रणाली लागू थी जिसमें अब सुधार किया गया है. कफाला प्रणाली के तहत विदेशी कामगारों के लिए नियोक्ता जिम्मेदार होता था. कामगारों की पूरी जवाबदेही कंपनियों पर होती थी. इस प्रणाली के नाम पर कामगारों के शोषण की शिकायतें आती थीं. कामगार अपनी कंपनी या नियोक्ता की अनुमति के बगैर कोई दूसरा काम नहीं कर सकते थे. यहां तक कि नौकरी भी नहीं बदल सकते थे.
पहले क्या होता था
नियोक्ता सऊदी अरब पहुंचे कामगारों के पासपोर्ट अपने पास रख लेते थे. इससे कामगारों को मजबूरन उसी नियोक्ता के पास काम करना होता था. अगर कामगारों को अपने देश आना हो तो नियोक्ता के इशारे पर ही वीजा भी मिलता था. अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि कफाला प्रणाली में बदलाव कर दिया गया है. नई प्रणाली अमल में आने के बाद भारतीय कामगारों को कई फायदे मिलेंगे. सऊदी अरब के मानव संसाधन और सामाजिक विकास मंत्रालय ने कहा है कि नई प्रणाली लागू होने से विदेशी कर्मचारियों को किसी दूसरी जगह काम करने, अपने हिसाब से नौकरी छोड़ने, अपने देश जाने और वीजा की सुविधाएं दी जाएंगी.
नए नियम से क्या फायदा
नई प्रणाली के तहत विदेशी कामगार सऊदी अरब में सरकारी सेवा के लिए अप्लाई कर सकेंगे. कंपनियां विदेशी कामगारों के साथ क्या समझौता करती हैं, इसकी शर्तें ऑनलाइन रखी जाएंगी. इससे कामकाज में पारदर्शिता आने की संभावना है. कर्मचारी अगर नौकरी बदलने की बात रखते हैं तो कंपनियां उनका वीजा रद्द नहीं कर पाएंगी.