अमेरिका में जमाल खशोगी के सऊदी हत्‍यारों को मिली थी सेना की ट्रेनिंग, बढ़ी प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान की मुसीबत

वर्ष 2014 में सबसे पहले सऊदी अरब के शाही सैनिकों ट्रेनिंग

Update: 2021-06-23 07:11 GMT

रियाद: सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्‍मद सलमान के धुर विरोधी चर्चित पत्रकार जमाल खशोगी के 4 सऊदी हत्‍यारों को अमेरिका के अंदर सैन्‍य प्रशिक्षण मिला था। यही नहीं इस प्रशिक्षण को खुद अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने ही मंजूरी दी थी। अमेरिकी अखबार न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने दस्‍तावेजों और इससे जुड़े लोगों के हवाले से यह खुलासा किया है। इस सीक्रेट सऊदी यूनिट को मोहम्‍मद सलमान के आदेश पर तैयार किया गया था ताकि देश में विरोध को कुचला जा सके।


इस सीक्रेट दस्‍ते को अमेरिका के अरकंसास स्थित सुरक्षा कंपनी टीयर 1 ग्रुप ने प्रशिक्षण दिया था। इस कंपनी की मालिक प्राइवेट कंपनी सेरबेरस कैपिटल मैनेजमेंट थी। कंपनी ने कहा है कि इस ट्रेनिंग में 'सुरक्षित निशानेबाजी' और 'हमले का जवाब देना' शामिल था। यह अपने आप में रक्षात्‍मक थी और इसका उद्देश्‍य सऊदी नेताओं को बेहतर सुरक्षा प्रदान करना था। इस पूरे प्रशिक्षण से जुड़े एक शख्‍स ने कहा कि सऊदी सीक्रेट दस्‍ते को निगरानी करने और आमने-सामने की जंग लड़ने का तरीका भी सीखाया गया था
वर्ष 2014 में सबसे पहले सऊदी अरब के शाही सैनिकों ट्रेनिंग
इस बात के अभी साक्ष्‍य नहीं मिले हैं कि प्रशिक्षण को स्‍वीकृति देने वाले अमेरिकी अधिकारी यह जानते थे कि इस दस्‍ते का इस्‍तेमाल सऊदी अरब में असंतोष को कुचलने के लिए किया जाएगा। हाालांकि इससे यह भी खुलासा हो गया है कि खशोगी के हत्‍यारे कितना ज्‍यादा अमेरिका से जुड़े हुए थे और प्रशिक्षण हासिल किए हुए थे। इससे यह भी पता चलता है कि सऊदी अरब की तानाशाही सरकार के साथ किस हद तक अमेरिका भागीदारी करता है और उनके वापस लौटने पर कोई निगरानी भी नहीं होती है।

न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने कहा कि ऐसे मामले आने वाले समय में भी जारी रहेंगे क्‍योंकि अमेरिका के निजी सैन्‍य ठेकेदार अपना बिजनस बढ़ाने के लिए विदेश ग्राहकों पर नजरें गड़ाए रखते हैं। अमेरिका ने ऐसे निजी ठेकेदारों को अब विदेशी दौरों से हटा लिया है, इससे वे अब अपना बिजनस बढ़ाना चाहते हैं। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने वर्ष 2014 में सबसे पहले सऊदी अरब के शाही सैनिकों को टीयर 1 ग्रुप के साथ ट्रेनिंग के लिए मंजूरी दी थी। यह ट्रेनिंग ट्रंप के 4 साल के शासन काल तक जारी रही।
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