अफ्रीका के हाथियों को अब बचाएंगी सैटेलाइट तस्वीरें
अफ्रीका (Africa) के हाथियों (Elephants) को बचाने के लिए शोधकर्ताओं ने सैटेलाइट तस्वीरों (Satellite Images), मशीन लर्निंग और एल्गॉरिदम के साथ एक नई तकनीक विकसित की है जो उन्हें बचाने में मददगार होगी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफ्रीकी (Africa) हाथियों (Elephants) की जनसंख्या कम होती जा रही है. इसके लिए ही इस तकनीक पर काम किया गया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)अफ्रीकी (Africa) हाथियों (Elephants) की जनसंख्या कम होती जा रही है. इसके लिए ही इस तकनीक पर काम किया गया है.
अफ्रीका (Africa) के जंगलों के हाथियों (Elephants) का अस्तित्व खतरे में हैं. धीरे धीरे वे खत्म हो रहे हैं. उनके संरक्षण (Conservation) के सभी प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं. लेकिन एक नई तकनीक विकसित की गई है जिसमें सैटेलाइट की तस्वीरों का उपयोग कर उन्हें बचाया जा सकता है. इस तकनीक में सैटेलाइट तकनीक के अलावा एल्गॉरिदम और मशीन लर्निंग का भी उपयोग किया जाएगा. शोधकर्ताओं को विश्वास है कि इस तरह की तकनीकी दुनिया में जैवविविधता (Biodiversity) को बचाने के काम आ सकेगी.
हाथियों की गिनती
ब्रिटिश विशेषज्ञों की यह तकनीक सैटलाइट की तस्वीरों के जरिए हाथियों की गिनती करने में काम आएगी. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और बाथ यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अलगॉरिदम, मशीन लर्निंग और सैटेलाइट तकनीकी से मिलकर बनी पद्धति को हाथियों की गिनती करने की परंपरागत तरीके की जगह लेगी.
क्यों कम हो रहे हैं हाथी
शोधकर्ताओं को पूरी उम्मीद है कि इससे वे अफ्रीका में हाथियों की जनसंख्या को बचा सकेंगे. हाथियों के संरक्षण में उनकी गिनती करना एक बहुत ही अहम काम है. ऑक्सफोर्ड ने अपने बयान कहा है कि अफ्रीकी हाथियों की जनसंख्या पिछली एक सदी से शिकार, फसलों पर हमले के बाद बदले की भावना से हत्या, आवास में बिखराव जैसी वजहों से कम होती जा रही है.
क्यों जरूरी है गिनती
ऑक्सफोर्ड ने अपने बयान में बताया कि हाथियों के संरक्षण के लिए जरूरी है कि यह पता हो कि हाथी किसी निश्चित समय पर कहां हैं और कितने हैं. सटीक निगरानी बहुत ही ज्यादा जरूरी है. यह कार्य अभी अपनाई जा रही पद्धतियों से सटीकता से नहीं पा रहा है. फिलहाल सवाना वातावरण में सर्वेक्षण की तकनीक सबसे ज्यादा आम है जिसमें वायुयान द्वारा हवा से हाथियों की गिनती होती है. अफ्रीकी (Africa) में हाथियों (Elephants) की संख्या शिकार, फसल खराब करने के बदला, और आवास में बिखराव के कारण कम हो रही है.
पुरानी तकनीकों में समस्या
विशेषज्ञों का कहना है कि हवाई सर्वेक्षण थका देने वाले होते हैं और व्यापक नहीं होते है. कई बार तो खराब दृश्यता और मौसम के कारण इनमें बाधा भी होती है. उनके मुताबिक सैटेलाइट से निगरानी बिना किसी बाधा के हो सकती है जिसमें जमीन पर किसी की मौजूदगी की जरूरत नहीं होती.
क्या फायदे हैं इस तकनीक के
इस तकनीक से हाथियों या फिर दूसरे जानवरों की ओर से या उनके लिए दखलंदाजी की संभावना खत्म हो जाती है. इसमें आंकड़े जमा करने के दौरान इंसानी सुरक्षा की जरूरत भी खत्म हो जाती है. इसके अलावा दूसरी प्रक्रिया में महीनों का समय लगाता है, लेकिन इस पद्धति में केवल कुछ ही घंटों में वही काम हो जाता है.
कैसे काम करता है सैटेलाइट
वैज्ञानिकों ने सबसे पहले इस तकनीक को दक्षिण अफ्रिका के एडो एलीफेंट नेशनल पार्क पर विकसित किया. पृथ्वी से 600 किलोमीटर ऊंचाई की कक्षा में घूम रहे सैटेलाइट एक बार में 5000 वर्ग किलोमीटर की जमीन का सर्वे मिनटों में कर सकते हैं.
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वैज्ञानिकों ने अलगॉरिदम को इस बात के लिए प्रशिक्षित किया के वह आंकड़ों में से पार्क में एक हजार हाथियों में से व्यस्क हाथियों की पहचान कर सके और उसके साथ ही हाथियों के बच्चों की भी पहचान कर सके. वैज्ञानिकों को लगता है कि इस तकनीक को आपात स्थिति को देखते हुए जल्दी ही अपना लिया जाएगा.
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