नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन युद्ध के 100 दिन पूरे हो चुके हैं. अभी तक रूस को 'मनचाहा' रिजल्ट नहीं मिला है, यूक्रेन झुकने को तैयार नहीं है. इस बीच रूस ने अपनी रणनीति फिर बदली है. अब रूसी मिसाइलें फिर यूक्रेन की राजधानी कीव पर हमले कर रही हैं. जंग के शुरुआती दिनों में रूस ने कीव को निशाना बनाया था. लेकिन वहां यूक्रेनी सैनिकों ने कड़ी घेराबंदी की थी. इसके बाद रूसी सैनिकों ने अपना फोकस यूक्रेन के डोनबास इलाके पर शिफ्ट किया था.
अब जब रूस ने रणनीति बदली है तो इसका नुकसान यूक्रेन को हो रहा है. जानकारी के मुताबिक, यूक्रेन रोज 60 से 100 सैनिक खो रहा है.
रविवार को रूस ने यूक्रेन की पश्चिम सैन्य आपूर्ति पर एयरस्ट्राइक किया. रूस ने दावा किया कि इसमें उन टैंक्स को तबाह किया गया तो यूक्रेन को मदद के तौर पर दूसरे देशों से मिले थे.
रूस ने धमकी भी दी है कि आने वाले दिनों में कुछ नए ठिकानों को भी निशाने बनाया जा सकता है. रूस का दावा है कि हमले में T-72 टैंक्स को नष्ट कर दिया. ये यूक्रेन को पूर्वी यूरोपीय देशों ने दी थी.
यूक्रेन की तरफ से भी इस हमले पर बयान आया है. कहा गया कि रूस की तरफ से पांच X-22 क्रूज मिसाइल दागी गई थीं. इसमें से एक को नष्ट कर दिया गया था. बाकी चार ने उनके इलाकों में तबाही मचाई. हालांकि, यूक्रेन का कहना है कि उसको ज्यादा नुकसान नहीं हुआ.
कहा जा रहा है कि रूस ने यह हमला अमेरिका के ऐलान के बाद किया था. अमेरिका ने ऐलान किया था कि वह यूक्रेन को 700 मिलियन डॉलर की मदद देगा. इसमें चार सटीक निशाने वाले, मध्यम-श्रेणी के रॉकेट सिस्टम, हेलीकॉप्टर, जेवलिन एंटी-टैंक सिस्टम, रडार, सामरिक वाहन आदि मिलने वाले थे.
इसके बाद रूस ने यूक्रेन में नए ठिकानों पर हमला बोल दिया. मिसाइलें यूक्रेन के Donetsk इलाके में भी गिरीं. यहां क्षतिग्रस्त यूक्रेनी सैन्य उपकरणों की मरम्मत जारी थी.
100 दिनों से चल रहे इस युद्ध का परिणाम भले ना निकला हो, लेकिन यूक्रेन को काफी नुकसान हुआ है. उसके शहर खंडहर बन गए हैं. लाखों लोग दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर हो गए हैं. राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने 4 जून को खुद माना था कि रोज उनके 60 से 100 जवान तक मारे जा रहे हैं.