रूस की कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक V ओमिक्रोन वैरिएंट के खिलाफ कारगार, देश में भी हो रहा इस टीके का इस्तेमाल
स्पुतनिक V ओमिक्रोन वैरिएंट के खिलाफ कारगार
दुबई, एजेंसियां। रूस की कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक V ओमिक्रोन वैरिएंट के खिलाफ कारगार पाई गई है। बता दें कि भारत में भी कोरोना टीकाकरण के लिए इस टीके इस्तेमाल हो रहा है। कोरोना के नए स्ट्रेन के खिलाफ इस टीके के कारगर होने की जानकारी रसियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (RDIF) ने दी है। उसने शुक्रवार को अपने बयान में कहा कि रूस का स्पुतनिक V टीका ओमिक्रोन वैरिएंट के खिलाऱ मजबूत एंटीबाडी पैदा करता है। आगे इसे स्पुतनिक लाइट बूस्टर और मजबूत बनाता है।
बयान में कहा गया कि गमलेया सेंटर द्वारा एक प्रारंभिक लैब स्टडी से पता चलता है कि स्पुतनिक V ओमिक्रोन के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा प्रदान करता करता है। माना जा रहा है कि यह टीका गंभीर बीमारी और मरीज को अस्पताल में भर्ती होने से रोकने में कारगर होगा। गमलेया सेंटर ने ही इस वैक्सीन का निर्माण किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 27 नवंबर को कोरोना को नए वैरिएंट B.1.1.1.529 को ओमिक्रोन नाम दिया। इस वैरिएंट में बड़ी संख्या में म्यूटेशन पाए गए हैं, जिसके कारण इसे वैरिएंट आफ कंसर्न घोषित किया गया।
आशंका जताई जा रही है कि ज्यादा म्यूटेशन के कारण यह स्ट्रेन वैक्सीन से पैदा हुई इम्युनिटी को चकमा दे सकता है। ऐसे में यह खबर सामने आई है कि रूसी वैक्सीन इस वैरिएंट के खिलाफ कारगर पाई गई है। गमलेया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ एपिडेमियोलाजी एंड माइक्रोबायोलाजी द्वारा विकसित स्पुतनिक V पंजीकृत होने वाली दुनिया की पहली वैक्सीन थी। वायरल वेक्टर वैक्सीन है। संक्रमण को नष्ट करने के लिए इसमें निष्क्रिय वायरस का इस्तेमाल किया गया है। स्पुतनिक V टीके में एडेनोवायरस का उपयोग हुआ है।
स्पुतनिक V वैक्सीन फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल में कोरोना संक्रमण के खिलाफ 91.6 फीसद प्रभावी पाई गई थी। इसकी जानकारी विश्व की प्रसिद्ध मेडिकल जनरल लांसेट में दी गई थी। रूस में 3.8 मिलियन लोगों पर परीक्षण के आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, स्पुतनिक V 97.6 प्रतिशत प्रभावी पाई गई। यह टीका कोरोना के गंभीर संक्रमण से 100 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान करता है।