यूक्रेन के अधिकतर शहर को रूस की सेना ने किया तबाह, जेलेंस्की बोले- NATO में शामिल नहीं होगा यूक्रेन
Russia Ukraine Conflict: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध 21वें दिन में पहुंच चुका है. अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की ओर से लगाए गए तमाम प्रतिबंधों के बाद रूस युद्ध रोकने को तैयार नहीं. इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की युद्ध रोकने के लिए प्रयास करते दिख रहे हैं. इसी कड़ी में यूक्रेन ने ऐलान किया है कि वह नाटो (NATO) में शामिल नहीं होगा. इस ऐलान से रूस के तेवर भी नरम हो सकते हैं. क्योंकि यह युद्ध के बड़े कारणों में से एक था. इसके अलावा आज रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत भी होनी है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने मंगलवार को कहा था कि यूक्रेन नाटो में शामिल नहीं होगा. इसे युद्ध रोकने की कोशिश के रूप में देखा गया है. दरअसल, रूस ने यूक्रेन पर हमले से पहले और हमले के बाद भी इसे एक बड़ा कारण बताया था. रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन भी इस बात को कई बार कह चुके हैं कि वह नहीं चाहते कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बने. युद्ध की सबसे बड़ी वजह भी यही थी. दरअसल कई साल से अमेरिका यूक्रेन को नाटो का सदस्य बनाने की कोशिश में लगा था. यूक्रेन भी सदस्य बनने की तैयारी में था. इस बीच रूस को लगने लगा कि नाटो के जरिए उसे घेरने की तैयारी हो रही है. ऐसे में रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ गया और नतीजा युद्ध तक पहुंच गया. अब जबकि यूक्रेन यह आश्वासन दे रहा है कि वह नाटो में शामिल नहीं होगा, तो रूस इस युद्ध को रोक सकता है.
वहीं इन सबके बीच यूक्रेन के अधिकतर शहर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. खेरसॉन, खारकीव, मारियुपोल, इरपीन जैसे बड़े शहरों में बमबारी और मिसाइल से क्षतिग्रस्त इमारतें. खंडहर घर, स्कूल और अस्पताल खूब नजर आ रहे हैं. रूसी सैनिक अब कीव पर भी लगातार जोर लगाए हुए है. रूसी हमले के खतरे को देखते हुए कीव में कल सुबह तक के लिए सख्त कर्फ्यू लगा दिया गया है. यूक्रेन को लगता है कि रूस की स्पेशल फोर्सेज राष्ट्रपति जेलेंस्की पर हमला कर सकती है. मंगलवार को कीव के बाहरी इलाके में दो अमेरिकी पत्रकारों की गोलीबारी में मौत हो गई थी, जबकि 1 की हालत गंभीर है.
इस बीच यूक्रेन के लोगों को अपना समर्थन देने के लिए तीन पड़ोसी देशों पोलैंड, चेक रिपब्लिक और स्लोवेनिया के प्रधानमंत्री ट्रेन से कीव पहुंचे और जेलेंस्की से मुलाकात की. हालांकि इस बैठक से पहले जेलेंस्की ने फिर से नाटो में शामिल न होने की बात कही, जिससे रूस के नरम पड़ने की उम्मीद जताई जा रही है. हालांकि इसका कितना असर होगा ये दोनों देशों के बीच आज होने वाली बातचीत के बाद ही पता चलेगा.
रूस और यूक्रेन के बीच के हालात को देखते हुए नाटो ने 24 मार्च को एक सम्मेलन का आयोजन किया है. नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि, मैंने 24 मार्च को नाटो मुख्यालय में एक सम्मेलन आयोजित किया है. इसमें रूस का यूक्रेन पर हमले, यूक्रेन के लिए हमारे मजबूत समर्थन और नाटो के प्रतिरोध और रक्षा को और मजबूत करने को लेकर चर्चा होगी. इस महत्वपूर्ण समय में अमेरिका और यूरोप को एक साथ खड़े रहना चाहिए. इस सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन भी शामिल होंगे.