काले सागर में डूबा रूसी युद्धपोत मोस्कवा, यूक्रेन में लड़ रहे हैं नाटो के जवान
हम दुनिया को दिखाएंगे कि वास्तव में क्या हुआ था।
यूक्रेन के कथित मिसाइल हमले में रूसी युद्धपोत मोस्कवा के काला सागर में डूबने से रूस को बड़ा झटका लगा है। इस हमले के बाद रूस ने यूक्रेन के विभिन्न शहरों में हमले तेज कर दिए हैं। समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन की राजधानी कीव समेत अन्य शहरों में शुक्रवार को तड़के विस्फोटों की आवाज सुनी गई। यही नहीं पूरे यूक्रेन में रात भर हवाई हमले से अलर्ट करने वाले सायरन बज रहे थे। धमाकों की आवाज खेरसन, खार्किव और इवानो-फ्रैंकिवस्क में भी सुनी गई।
काला सागर में रूसी युद्धपोत मोस्कवा को ध्वस्त करने के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के हौसले बुलंद हैं। उन्होंने रूसी सेना से लोहा ले रहे यूक्रेनी जवानों की सराहना की। जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन के लोगों को रूस के जवाब में 50 दिनों तक टिके रहने पर गर्व होना चाहिए। रूस ने हमें अधिकतम पांच दिन दिए थे। यूक्रेन के लोग बेहद बहादुर हैं क्योंकि वे स्वतंत्रता को महत्व देते हैं। यूक्रेन के लोगों ने दिखा दिया है कि कैसे रूसी आक्रमण का सामना किया गया है।
दूसरी ओर रूसी रक्षा मंत्रालय का दावा है कि एक बंदरगाह पर ले जाते समय युद्धपोत एक तूफान की चपेट में आकर डूब गया। रूस का कहना है कि युद्धपोत के डूबने से पहले ही इस पर सवाल लोगों को सुरक्षित उतार लिया गया था। युद्धपोत पर आमतौर पर 500 जवान तैनात होते हैं। यह युद्धपोत लंबी दूरी की 16 मिसाइलें ले जा सकता है। जानकारों की मानें तो इससे रूस की सैन्य क्षमता पर गंभीर असर पड़ेगा। यही नहीं यह रूस की प्रतिष्ठा के लिए भी बड़ा झटका है।
वहीं समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन में उसके विशेष सैन्य अभियान के दौरान नाटो देशों के सैन्य कर्मियों को पकड़ा गया है। रूसी संप्रभुता सुरक्षा आयोग के प्रमुख एंड्री क्लिमोव ने शुक्रवार को दावा किया कि पश्चिमी देशों ने रूस के खिलाफ यूक्रेनियन और भाड़े के सैनिकों के साथ युद्ध छेड़ रखा है। इस युद्ध में नाटो देशों के सैन्यकर्मी भी शामिल हैं। हमारे पास नाटो देशों के सैन्य कर्मी कैद हैं। हम दुनिया को दिखाएंगे कि वास्तव में क्या हुआ था।