रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में युद्ध समाप्ति पर वार्ता को तैयार, सेना हटाने से किया इन्कार

Update: 2022-12-03 01:43 GMT

 रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में युद्ध समाप्ति पर बात करने के लिए तैयार हैं लेकिन इसके लिए पश्चिमी देशों को रूस की कुछ मांगें माननी होंगी। यह बात रूसी राष्ट्रपति के क्रेमलिन कार्यालय ने कही है। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार रूस ने यूक्रेन से सेनाओं की वापसी की शर्त को खारिज कर दिया है। कहा है कि इस शर्त पर उसे वार्ता मंजूर नहीं है। रूस की यह प्रतिक्रिया अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा पुतिन से सीधी वार्ता की इच्छा जताने के बाद आई है।

बाइडन ने जताई थी राष्ट्रपति पुतिन से बातचीत की इच्छा

बाइडन ने कहा है कि यूक्रेन युद्ध की समाप्ति के लिए वह राष्ट्रपति पुतिन से वार्ता के लिए तैयार हैं। अमेरिका के दौरे पर गए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से वार्ता के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में पुतिन के साथ बातचीत की इच्छा जताई थी। लेकिन यह भी कहा था कि वह बातचीत यूक्रेन में युद्ध समाप्ति के बाद ही संभव है जिसके लिए पुतिन फिलहाल तैयार नहीं लग रहे हैं।

पश्चिमी देश रूस से बातचीत का बना रहे हैं रास्ता

बाइडन ने इससे पहले मार्च में पुतिन को कसाई कहा था और कहा था कि वह रूस की सत्ता में नहीं रहने चाहिए। अब जबकि यूक्रेन युद्ध के नौ महीने हो गए हैं और यूक्रेन सहित पूरा यूरोप जमा देने वाली ठंड की चपेट में है तब पश्चिमी देश रूस से बातचीत का रास्ता बना रहे हैं। मालूम हो कि रूसी सेना यूक्रेन के ऊर्जा संयंत्रों पर लगातार हमले कर रही है और रूस ने ज्यादातर यूरोपीय देशों की गैस आपूर्ति रोक या बहुत कम कर दी है। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश इन स्थितियों में यूक्रेन की सैन्य और आर्थिक मदद बढ़ा रहे हैं।

यूक्रेनी सेना के अभी तक 13 हजार सैनिक मरे

शून्य डिग्री सेल्सियस से कम तापमान में पूर्वी यूक्रेन में भीषण युद्ध जारी है। यहां का रणनीतिक शहर बाखमुट रूसी सेनाओं के निशाने पर है। जबकि खेरसान और जपोरीजिया प्रांतों में रूसी सेना रक्षात्मक मुद्रा में है। वैसे दोनों प्रांतों के बड़े क्षेत्रों पर रूसी सेना कब्जा कर चुकी है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने युद्ध में 13 हजार यूक्रेनी सैनिकों के जान गंवाने की बात कही है।

ईयू रूसी तेल का मूल्य 60 डालर करने पर सहमत

रूस को युद्ध के लिए धन न मिले और वह आर्थिक तंगहाली की ओर बढ़े, इसके लिए यूरोपीय संघ (ईयू) समुद्र के जरिये निर्यात होने वाले कच्चे तेल का मूल्य 60 डालर प्रति बैरल निर्धारित करने के प्रस्ताव पर सहमत हो गया है। अब ईयू के सामने इस प्रस्ताव को सभी सदस्य देशों द्वारा स्वीकृत कराने की चुनौती है, क्योंकि कई देश अभी भी रूस से पर्याप्त मात्र में गैस और तेल प्राप्त कर रहे हैं और वे रूस से संबंध बिगाड़ना नहीं चाहते।


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