रूसी विदेशी मंत्री बोले- यूक्रेन से अनाज के निर्यात में सहयोग करेंगे, पर हमारे ऊपर लगे प्रतिबंध हटें
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रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बुधवार को कहा कि उनकी सेना यूक्रेन के बंदरगाहों से निकलने वाले अनाज भरे शिप्स को सुरक्षित रास्ता देगी। लावरोव ने कहा कि हम तुर्की की मध्यस्थता के साथ ही सहयोग को आगे बढ़ाना चाहेंगे। गौरतलब है कि रूसी विदेश मंत्री इस वक्त तुर्की के दौरे पर हैं। उनके दौरे से पहले ही कई देश रूस और यूक्रेन युद्ध को दुनिया में महंगाई की वजह बता चुके हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बीते दिनों में महंगाई ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं। आलम यह है कि यूक्रेन से कई अहम खाद्य पदार्थों का निर्यात तक रुक चुका है। इसका असर गरीब और मध्यम आय वर्ग वाले देशों से लेकर अमीर देशों पर भी पड़ा है। नतीजतन रूस के पक्ष में खड़े देशों ने भी यूक्रेन से होने वाले निर्यात को सुरक्षित रास्ता देने की मांग की है।
हालांकि, रूस के विदेश मंत्री ने साफ किया कि अगर हमें यूक्रेन के खाद्य पदार्थों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में जाने की इजाजत देनी है तो हमें अपने खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने की मांग उठानी होगी। गौरतलब है कि रूस के खिलाफ लगे प्रतिबंधों की वजह से इस देश से होने वाले अधिकतर निर्यातों पर रोक लग गई है।
आईबीएम ने रूस में अपना कारोबार समेटना शुरू किया
सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी आईबीएम ने रूस में कर्मचारियों की छंटनी के साथ अपने कारोबार को व्यवस्थित तरीके से समेटना शुरू कर दिया है। आईबीएम के भारतीय मूल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अरविंद कृष्णा ने यह जानकारी देते कहा कि कंपनी देश में अपने कर्मचारियों के साथ खड़ी रहेगी।
इससे पहले मार्च में कंपनी ने यूक्रेन पर सैन्य हमले की वजह से रूस में अपने कारोबार को बंद करने की घोषणा की थी। इस दौरान कई पश्चिमी देशों ने भी रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे। आईबीएम ने मंगलवार को कहा कि उसने रूस में अपने कारोबार को व्यवस्थित रूप से बंद करने का निर्णय लिया है।
आईबीएम के चेयरमैन कृष्णा ने एक बयान में कहा, ''मैंने सात मार्च को यूक्रेन युद्ध के कारण रूस में कंपनी के कारोबारी परिचालन को बंद करने का अपना निर्णय साझा किया था। प्रभावित क्षेत्रों में कर्मचारियों तथा उनके परिवारों की सुरक्षा और देखभाल पर महीनों से हमारा ध्यान केंद्रित है।''