भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव: संबंधों पर नहीं पड़ेगा कोई असर
रूस ने डिलीवरी की तैयारी लगभग पूरी कर ली है।
रूस और भारत के बीच निरंतर सहयोग सुनिश्चित करने के लिए दोनों देश काफी तत्पर हैं। दोनों देश रक्षा सहयोग में उत्पन्न बाधाओं को कम करने के लिए प्रभावी ढंग से काम कर रहा है। भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि रूस द्वारा भारत को S-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति निर्धारित समय के अनुसार सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है और दोनों पक्ष रक्षा क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक दूसरे के साथ हैं।
संबंधों पर नहीं पड़ेगा कोई असर
अलीपोव की टिप्पणी तब आई है, जब कहा जा रहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण सैन्य प्रणालियों और उपकरणों की आपूर्ति में देरी हो सकती है। अलीपोव ने कहा, 'रक्षा सहयोग रूसी-भारतीय विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख स्तंभों में से एक है। हमारे दोनों देश यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत प्रेरित हैं कि यह निर्बाध बना रहे।' उन्होंने कहा, 'हम नकारात्मक बाहरी कारकों द्वारा बनाई गई बाधाओं को सफलतापूर्वक कम करने और वैकल्पिक भुगतान और रसद विकल्पों का उपयोग करके नई वास्तविकताओं को समायोजित करने में कामयाब रहे।'
तय समय से होगी आपूर्ति
S-400 मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति के बारे में पूछे जाने पर अलीपोव ने कहा, 'यह निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सुचारू रूप से आगे बढ़ रहा है।' अक्टूबर 2018 में, भारत ने S-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों की 5 इकाइयों को खरीदने के लिए रूस के साथ 5 बिलियन अमेरिकी डालर के समझौते पर हस्ताक्षर किया था।
दिसंबर में हुई थी डिलीवरी
रूस ने पिछले साल दिसंबर में मिसाइल की पहली खेप के साथ डिलीवरी शुरू की और इसे उत्तरी सेक्टर में चीन के साथ सीमा के कुछ हिस्सों के साथ-साथ पाकिस्तान के साथ सीमा को कवर करने के लिए तैनात किया गया है। जानकारी के अनुसार, जल्द ही रूस से दूसरी खेप की डिलीवरी हो सकती है क्योंकि रूस ने डिलीवरी की तैयारी लगभग पूरी कर ली है।