रूस ने भारत समेत इन देशों को यूक्रेन पर वोटिंग से अनुपस्थित रहने पर कहा धन्यवाद
यूक्रेन पर वोटिंग से अनुपस्थित रहने पर कहा धन्यवाद
संयुक्त राष्ट्र, पीटीआइ। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में यूक्रेन की स्थिति पर बैठक से पहले प्रक्रियागत मतदान में भारत, केन्या और गैबान के अनुपस्थित रहने और चीन को इसके खिलाफ मत देने पर रूस ने धन्यवाद कहा है। संयुक्त राष्ट्र में एक रूसी राजनयिक ने 'अमेरिकी दबाव के आगे' न झुकने के लिए चारों देशों को शुक्रिया अदा किया। गौरतलब है कि भारत ने यूक्रेन सीमा पर 'तनावपूर्ण हालात' के मद्देनजर चर्चा के लिए बैठक से पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में प्रक्रियागत मतदान में हिस्सा नहीं लिया था।
संयुक्त राष्ट्र में रूस के पहले उप स्थायी प्रतिनिधि दिमित्री पालींस्की ने सोमवार को एक ट्वीट में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थामस ग्रीनफील्ड के ट्वीट पर जवाब देते हुए कहा, 'जैसा कि हमें उम्मीद थी यह एक पीआर स्टंट के अलावा और कुछ नहीं था। यह 'मेगाफोन डिप्लोमेसी' का उदाहरण था। इसमें कोई तथ्य नहीं था, केवल आरोप और निराधार दावे थे। अमेरिकी कूटनीति सबसे खराब स्थिति में है। हमारे 4 सहयोगियों चीन, भारत, गैबान और केन्या को धन्यवाद, जो वोटिंग से पहले अमेरिकी दबाव के आगे नहीं झुके।'
थामस ग्रीनफील्ड ने कहा था, 'रूस की आक्रामकता से न केवल यूक्रेन और यूरोप को खतरा है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर इसे जिम्मेदार बनाने का दायित्व है। यदि बलपूर्वक पूर्व साम्राज्यों को अपने क्षेत्र में शामिल कर लिया जाए, तो दुनिया के लिए इसके क्या मायने होंगे? इससे हम एक खतरनाक रास्ते पर जाएंगे । यूएनएससी में इस मुद्दों को लाने का कारण है कि संकट आने से पहले ही उसे रोक दिया जाए। रूस की सद्भावना की परीक्षा है। क्या वे वार्ता करेंगे और तब तक इसपर बने रहेंगे जब तक हम किसी सहमति पर नहीं पहुंच जाते। अगर वे ऐसा करने से इन्कार करते हैं, तो दुनिया को पता चल जाएगा कि क्यों और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।'
यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा के लिए सोमवार को सुरक्षा परिषद की बैठक हुई। बैठक से पहले रूस ने यह निर्धारित करने के लिए एक प्रक्रियात्मक वोट का आह्वान किया कि क्या खुली बैठक आगे बढ़ सकती है। रूस और चीन ने बैठक के खिलाफ मतदान किया जबकि भारत, गैबान और केन्या ने भाग नहीं लिया। नार्वे, फ्रांस, यूएस, यूके, फ्रांस, आयरलैंड, ब्राजील, मैक्सिको सहित अन्य सभी 10 परिषद सदस्यों ने बैठक के पक्ष में मतदान किया। बैठक को आगे बढ़ाने के लिए परिषद को केवल 9 वोटों की आवश्यकता थी। परिषद के 10 सदस्यों के पक्ष में मतदान के साथ यूक्रेन सीमा पर स्थिति पर बैठक आगे बढ़ी।