युद्ध के बीच रूस ने किया सरमट मिसाइल का सफल परीक्षण, पुतिन बोले- अब दो बार सोचेंगे दुश्मन

रूस-यूक्रेन के बीच जंग का आज 56वां दिन है। दोनों देश एक दूसरे के सामने झुकने के लिए तैयार नहीं है। रूसी सेना आए दिन जहां और भी अधिक हमलावर होती जा रही है वहीं यूक्रेनी सेना अमेरिका और अन्य बड़े देशों की मदद से युद्ध में डटकर खड़ी है।

Update: 2022-04-21 01:19 GMT

रूस-यूक्रेन के बीच जंग का आज 56वां दिन है। दोनों देश एक दूसरे के सामने झुकने के लिए तैयार नहीं है। रूसी सेना आए दिन जहां और भी अधिक हमलावर होती जा रही है वहीं यूक्रेनी सेना अमेरिका और अन्य बड़े देशों की मदद से युद्ध में डटकर खड़ी है। इस बीच अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने जानकारी दी है कि अमेरिका यूक्रेन को एक और सैन्य सहायता पैकेज मुहैया कराएगी।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अनुमान व्यक्त किया है कि साल 2022 में यूक्रेन का कर्ज इसकी जीडीपी के 86 फीसदी तक पहुंच जाएगा। आईएमएफ ने कहा कि देश के बजट में भी 17.8 फीसदी कमी आने की संभावना है। साल 2021 में यूक्रेन की सरकार का कर्ज देश की जीडीपी का 49 फीसदी था।

रूस के एक राजनयिक ने कहा है कि यूक्रेन के खिलाफ हमारे सैन्य अभियान को लेकर पश्चिमी देशों के रूस के खिलाफ भूराजनीतिक खेल में उनकी ओर से भारत पर भारी दबाव डाला गया है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस ने सरमट इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है। उन्होंने कहा कि यह क्रेमलिन के दुश्मनों को (कोई रूस विरोधी कदम उठाने से पहले) दो बार सोचने के लिए मजबूर करेगा।

नागरिकों को लेकर बसों का एक छोटा सा काफिला मैरियूपोल से निकला है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह काफिला एक पूर्व नियोजित निकासी बिंदु से रवाना हुआ। शहर के अधिकारियों ने पूर्व में कहा था कि उन्हें रूस के साथ एक शुरुआती समझौते के तहत लगभग 6000 लोगों को यहां से निकालने की उम्मीद है।

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रूस के मीडिया ने यूक्रेनी शख्सियतों की एक सूची जारी की है जिन पर कथित तौर पर 50 साल के लिए देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं, क्रेमलिन से जुड़े कुछ मीडिया संगठनों ने 31 यूक्रेनी शख्सियतों, टीवी एंकर और इंफ्लुएंसर्स पर रूस में एंट्री पर रोक लगाने की बात कही है।

कब्जे वाले इलाकों से लोगों को जबरन ले जाने की तैयारी में रूस

यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के खुफिया निदेशालय ने कहा है कि रूस अपने कब्जे वाले क्षेत्रों से यूक्रेनी नागरिकों को जबरन यहां से ले जाने की तैयारी कर रहा है। इसने कहा कि रूस यूक्रेनी नागरिकों को उनके ही देश के खिलाफ लड़ने के लिए भेजने की तैयारी में है।

युद्ध खत्म होने तक लुहांस्क में बहाल नहीं हो पाएंगी सेवाएं

लुहांस्क के गवर्नर सर्हीय हैडाई ने कहा है कि जब तक युद्ध समाप्त नहीं हो जाता क्षेत्र के हिस्सों में बिजली, गैस और जल आपूर्ति बहाल नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि पोपासना और रुबिझ्ने जैसे शहरों और कई गांवों में बुनियादी ढांचा लगभग पूरी तरह नष्ट हो चुका है।

युद्ध अपराधों को इतिहास भूलेगा नहीं: चार्ल्स मिशेल

यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने आज यूक्रेन के शहर बोरोड्यांका का दौरा किया। यह राजधानी कीव से 40 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम की ओर है। 20 अप्रैल को यहां रूसी सेना ने भारी बमबारी की थी। मिशेन ने यहां स्थानीय लोगों से मुलाकात की और कहा कि यहां हुए युद्ध अपराधों को इतिहास कभी नहीं भूलेगा।

पुतिन के फैसलों पर क्रेमलिन में उठने लगे सवाल

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन पर हमले को लेकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के फैसले पर क्रेमलिन के अंदर के कुछ अधिकारी कथित तौर पर सवाल उठाने लगे हैं। ऐसे अधिकारियों की संख्या बढ़ रही है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि रूस की सरकार में उच्च पदों पर आसीन कुछ वरिष्ठ नेताओं ने यूक्रेन पर हमले को बड़ी गलती बताया है और कहा है कि इससे देश कई साल पीछे चला जाएगा। हालांकि, इन लोगों का मानना है कि पुतिन अपना रुख नहीं बदलेंगे और रूस के अंदर उनकी स्थिति को चुनौती देने की कोई संभावना नहीं है।

50 लाख से अधिक यूक्रेनी नागरिकों ने छोड़ा देश

संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी यीएनएचसीआर के आंकड़ों के अनुसार 24 फरवरी को रूस के हमले की शुरुआत होने के बाद से अब तक 50 लाख 10 हजार 971 यूक्रेनी नागरिक देश छोड़ चुके हैं। वहीं, संयुक्त राष्ट्र के प्रवासन के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठन (आईओएम) के ताजा आंकलन के अनुसार यूक्रेन के अंदर 71 लाख लोग विस्थापित हुए हैं।

नॉर्वे ने यूक्रेन को भेजे 100 एयर डिफेंस सिस्टम

नॉर्वे ने यूक्रेन को रूस के हमलों से अपनी रक्षा करने के लिए 100 एयर डिफेंस सिस्टम भेजे हैं। नॉर्वे के रक्षा मंत्री जॉर्न एरिल्ड ग्राम ने कहा कि हमने फ्रांस में निर्मित मिस्ट्रल शॉर्ट रेंज मिसाइल सिस्टम यूक्रेन को भेजे हैं। हमारी सेना अब इनका इस्तेमाल नहीं करती है, लेकिन ये आधुनिक और प्रभावी हथियार हैं।

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