रूस ने बेलारूस भेजे लड़ाकू विमान, परमाणु बम बरसाने में सक्षम, हमले का खतरा बढ़ा
ये दोनों ही नेता अपने-अपने देशों पर लंबे वक्त से शासन कर रहे हैं.
रूस ने यूक्रेन के साथ तनाव (Russia Ukraine Conflict) बढ़ने के बीच अपने सहयोगी बेलारूस में लंबी दूरी के परमाणु संपन्न बमवर्षक विमानों को शनिवार को गश्त पर भेजा है. रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि दो टीयू-22एम3 बमवर्षक विमानों (TU-22M3 Bombers) ने बेलारूस की वायु सेना (Belarus Air Force) और वायु रक्षा के साथ चार घंटे के अभियान के दौरान अभ्यास किया. इसमें बेलारूस में गश्त करते हुए विमानों ने कई बार उड़ान भरी. बेलारूस की सीमा यूक्रेन के उत्तर से लगती है.
यह मिशन ऐसे समय में चलाया गया जब क्रेमलिन ने साइबेरिया और सुदूर पूर्वी क्षेत्र से अपने सैनिकों को बेलारूस भेज दिया है (Russia Ukraine War Threat). इस तैनाती के साथ यूक्रेन के समीप रूस का सैन्य जमावड़ा बढ़ गया है, जिससे पश्चिम देशों की रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने की आशंका बढ़ गई है. पश्चिमी देशों ने बेलारूस में रूस के सैनिकों और हथियारों की तैनाती पर लगातार चिंता जाहिर की है. यह इसलिए भी चिंता वाली बात है क्योंकि यूक्रेन की राजधानी कीव बेलारूस की सीमा से महज 75 किलोमीटर ही दूर है.
रूस ने हमला करने से इनकार किया
रूस ने यूक्रेन पर किसी भी हमले की बात से इनकार किया है. लेकिन साथ ही अमेरिका और नाटो के सामने कुछ सुरक्षा शर्तें भी रखी हैं. रूस ने कहा है कि यूक्रेन को नाटो का सदस्य नहीं बनाया जाना चाहिए. साथ ही पश्चिमी देशों से कहा है कि वह पूर्व की तरफ अपना विस्तार ना करें. हालांकि अमेरिका और नाटो ने उसकी यही मांगें मानने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही रूस ने सीमा पर एक लाख सैनिकों की तैनाती की हुई है. उसने इन सैनिकों को भी पीछे हटाने से इनकार कर दिया है. उसने कहा है कि वह आगे भी सैनिकों की तैनाती करेगा, जब भी लगेगा कि उसके क्षेत्र के लिए ऐसा जरूरी है.
तनाव के बीच रूस ने वॉर गेम शुरू किया
यूक्रेन को लेकर जारी तनाव के बीच रूस की सेना ने आर्कटिक सागर से लेकर काला सागर तक वॉर गेम की शुरुआत कर दी है. वहीं बेलारूस में रूसी सैनिकों की तैनाती से इस बात की आशंका तेज हो गई है कि वह उत्तर की तरफ से यूक्रेन पर हमला कर सकता है. हाल के हफ्तों में रूस ने बेलारूस के साथ संयुक्त सैन्य अभियान भी किए हैं. उसने परमाणु बम बरसाने वाले विमानों को पेट्रोलिंग के लिए बेलारूस भेजा था. जिसकी सीमा नाटो सदस्य देशों पोलैंड, लिथुआनिया और लात्विया के साथ मिलती है. बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बेहद अच्छे रिश्ते हैं. ये दोनों ही नेता अपने-अपने देशों पर लंबे वक्त से शासन कर रहे हैं.