कीव (आईएएनएस)| रूस के ताजा मिसाइल हमलों में यूक्रेन के शहरों को निशाना बनाया गया। 24 फरवरी को युद्ध शुरू होने के बाद से यह अब तक का सबसे घातक हमला बताया जा रहा है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने यूक्रेनी वायु सेना कमान के हवाले से एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि गुरुवार के हमलों के बाद युद्धग्रस्त देश में कामिकेज ड्रोन से रात भर हमले किए गए। यूक्रेन की सेना ने कहा कि 69 मिसाइलें लॉन्च की गईं, इनमें से 54 को हवाई सुरक्षा सिस्टम ने रोक दिया।
इससे पहले, राष्ट्रपति के सलाहकार मिखाइलो पोडोलीक ने कहा था कि 120 से अधिक मिसाइलों को नागरिक बुनियादी ढांचे पर लॉन्च किया गया था।
मीडिया रिपोटरें में कहा गया है कि देश भर में हवाई हमले के सायरन बजाए गए और कीव में पांच घंटे तक बजते रहे।
राजधानी के मेयर विटाली क्लिट्सको ने कहा कि कीव के दक्षिण-पूर्वी डार्नीत्स्की जिले में एक निजी आवास पर हुए हमले में 14 वर्षीय एक लड़की सहित कम से कम तीन लोग घायल हो गए।
खारकीव के क्षेत्रीय गवर्नर ओलेग सिनेगुबोव ने कहा कि कम से कम चार एस-300 मिसाइलों ने यूक्रेन के पूर्व में खारकीव शहर में महत्वपूर्ण बुनियादी सुविधाओं को निशाना बनाया।
स्थानीय अधिकारियों ने पश्चिम में लविवि क्षेत्र और देश के मध्य भाग में पोल्टावा क्षेत्र में विस्फोटों की सूचना दी।
यूक्रेनी राष्ट्रपति के कार्यालय के उप प्रमुख किरिलो टिमोशेंको ने टेलीग्राम पर कहा कि दक्षिणी ओडेसा क्षेत्र में एक क्रूज मिसाइल के टुकड़े एक आवासीय इमारत पर गिरे।
चश्मदीदों ने यूक्रेन की राजधानी और उसके बाहरी इलाके के उत्तर-पश्चिम में जोरदार धमाकों की सूचना दी, और कीव में कुछ लोगों के अनुसार अपार्टमेंट इमारतों में कांच हिल रहे थे।
हाल के सप्ताहों में दर्जनों रूसी हमलों ने यूक्रेन को तबाह कर दिया है, जिससे देश भर में बार-बार बिजली कटौती हुई है।
यूक्रेन के ऊर्जा मंत्री हरमन हलशचेंको ने कहा कि गुरुवार के हमलों ने बिजली उत्पादन सुविधाओं को नुकसान पहुंचाया और कहा कि ओडेसा और कीव क्षेत्रों में स्थिति गंभीर है।
लविवि के मेयर ने गुरुवार को कहा कि उनके शहर का 90 प्रतिशत हिस्सा बिना बिजली के है। जबकि क्लिट्सको ने कहा कि कीव का 40 प्रतिशत इलाका बिना बिजली के है।
ओडेसा और निप्रॉपेट्रोस क्षेत्रों में भी बिजली कटौती की सूचना मिली है।
गुरुवार का हमला क्रेमलिन द्वारा यूक्रेन के उस सुझाव को खारिज करने के कुछ घंटों बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि 2023 में शांति वार्ता शुरू हो सकती है।