नेपाल में अमेरिका से करार पर बवाल, सड़कों पर उग्र प्रदर्शन, पुलिस से भिड़े लोग

नेपाल में देउवा सरकार ने भारी विरोध के बीच रविवार को 50 करोड़ डॉलर का मिलेनियम कॉर्पोरेशन चैलेंज समझौता पुष्टि के लिए संसद में पेश किया। समझौते के विरोध में संसद में जमकर हंगामा हुआ।

Update: 2022-02-21 01:40 GMT

नेपाल में देउवा सरकार ने भारी विरोध के बीच रविवार को 50 करोड़ डॉलर का मिलेनियम कॉर्पोरेशन चैलेंज (एमसीसी) समझौता पुष्टि के लिए संसद में पेश किया। समझौते के विरोध में संसद में जमकर हंगामा हुआ। संसद के बाहर काठमांडो में भी उग्र प्रदर्शन हुआ। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया। प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने बलप्रयोग किया, जिससे कई लोग घायल हुए हैं।

सरकार के भीतर भी समझौते का विरोध है। सत्तारूढ़ गठजोड़ के घटक सीपीएन-माओवादी सेंटर के मुखिया पुष्प कमल दहल विरोध में हैं। संसद में पेश करने से पहले पीएम शेर बहादुर देउबा दहल और सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट के प्रमुख माधव कुमार ने आम सहमति से पुष्टि का फैसला लिया था।

पक्ष व विपक्ष के सांसदों की तरफ से समझौते के खिलाफ बोलने के बाद स्पीकर अग्नि सपकोटा ने सत्र 24 फरवरी तक स्थगित कर दिया। चीन समर्थक दल इस समझौते का यह कहते हुए विरोध कर रहे हैं कि समझौता राष्ट्रीय हित में नहीं है, इससे नेपाल की सुरक्षा और संप्रभुता प्रभावित होगी।

इसके अलावा इस समझौते की आड़ में अमेरिका नेपाल का इस्तेमाल चीन के खिलाफ कर सकता है। वहीं, संसद के बाहर चीन समर्थक वाम दलों ने अमेरिका लेकिन, जब सूचना, संचार विरोधी नारे लगाए, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ज्ञानेंद्र तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे बहादुर कार्की ने समझौते को पेश और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया।

बिजली लाइनों सड़कों का जाल बिछेगा

50 करोड़ डॉलर के इस समझौते पर 2017 में हस्ताक्षर हुए थे। इसके तहत भारत और नेपाल के बीच बिजली की ट्रांसमिशन लाइनों के जरिये नेपाल में विद्युत आपूर्ति बढ़ाकर और नेपाल की 300 किलोमीटर सड़कों को बेहतर बनाकर व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा।


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