पाकिस्तान में ईश निंदा पर बवाल और तोड़फोड़, सैमसंग के 27 कर्मचारियों को लिया हिरासत में
पिछले साल एक फैक्ट्री में काम करने वाले श्रीलंकाई नागरिक को ईशनिंदा के आरोप में मजदूरों ने पीट-पीट कर मार डाला था।
पाकिस्तान पुलिस ने कथित ईशनिंदा को लेकर कराची के एक माल में भीड़ के हिंसक प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को एक मोबाइल फोन कंपनी के 27 कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया। विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब स्टार सिटी मॉल में एक 'वाईफाई डिवाइस' स्थापित किया गया, जिसमें कथित तौर पर ईशनिंदा की गई थी। मौके पर जमा हुए प्रदर्शनकारियों ने माल में लगे साइनबोर्ड को क्षतिग्रस्त कर दिया।
पुलिस के बयान के अनुसार, 'मामले की गंभीरता को समझते हुए, प्रीडी एसएचओ मौके पर पहुंचे, डिवाइस को बंद कर दिया और इसे जब्त कर लिया गया है।'
पुलिस ने डिवाइस मुहैया कराने वाले सैमसंग के 27 कर्मचारियों को हिरासत में लिया। पुलिस ने कहा, 'सैमसंग कार्यालय के सत्ताईस लोगों को हिरासत में लिया गया है और पूछताछ की जा रही है।'
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) साइबर क्राइम विंग की मदद से यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि डिवाइस को स्थापित करने के लिए कौन जिम्मेदार था।
इस बीच, सैमसंग पाकिस्तान ने एक बयान में कहा कि कंपनी ने धार्मिक भावनाओं पर तटस्थता बनाए रखी।
सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने अपने दृढ़ रुख को दोहराया कि वह धार्मिक महत्व के सभी मामलों पर निष्पक्षता बनाए रखने का प्रयास करता है ... 'कराची में हाल के घटनाक्रम के संदर्भ में, कंपनी सभी धार्मिक भावनाओं और विश्वासों के लिए अत्यधिक सम्मान करती है और इस्लाम को सर्वोच्च सम्मान देती है।'
एक पत्रकार ने पोस्ट शेयर करते हुए ट्वीट किया, 'कराची में एक वाईफाई डिवाइस की कथित ईशनिंदा के खिलाफ हुआ विरोध प्रदर्शन। स्टार सिटी मॉल में एक वाईफाई डिवाइस लगाए जाने के बाद भीड़ जमा हो गई, कथित तौर पर ईशनिंदा वाली टिप्पणियां पोस्ट की गईं। प्रदर्शनकारियों ने कंपनी पर ईशनिंदा का आरोप लगाते हुए सैमसंग के होर्डिंग में तोड़फोड़ की। पुलिस ने सैमसंग के 27 कर्मचारियों को हिरासत में लिया।
कंपनी ने यह भी कहा कि उसने मामले की 'तुरंत' आंतरिक जांच शुरू कर दी है।
आपको बता दें कि ईशनिंदा को पाकिस्तान में बेहद संवेदनशील मुद्दा माना जाता है और इसके आरोप लगाने वाले चरमपंथी समूहों के आसान शिकार बन जाते हैं। पिछले साल एक फैक्ट्री में काम करने वाले श्रीलंकाई नागरिक को ईशनिंदा के आरोप में मजदूरों ने पीट-पीट कर मार डाला था।