शोधकर्ताओं का दावा: पेड़-पौधों के समीप रहने से बच्चों का मस्तिष्क विकास बेहतर हो सकता है

लंदन की एक यूनिवर्सिटी में रिसर्च किया गया जिसके नतीजे बताते हैं कि हरियाली शारीरिक विकास के लिए तो फायदेमंद है ही मानसिक विकास में भी इसकी अहम भूमिका है।

Update: 2021-07-20 11:05 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | लंदन। प्रकृति और हरियाली से दूरी जिंदगी पर कितना बुरा असर कर सकती है यह जानते हुए भी लोग महानगरों में रहने को मजबूर हैं। इसे देखते हुए लंदन की एक यूनिवर्सिटी में रिसर्च किया गया जिसके नतीजे बताते हैं कि हरियाली शारीरिक विकास के लिए तो फायदेमंद है ही मानसिक विकास में भी इसकी अहम भूमिका है।

हरियाली के बीच रहने का सेहत पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। इससे तन और मन दोनों को लाभ होता है। अब ऐसे माहौल का बच्चों की सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर एक अध्ययन किया गया है। इसका दावा है कि पेड़-पौधों के समीप रहने से बच्चों का मस्तिष्क विकास बेहतर हो सकता है। इससे न सिर्फ उनका दिमाग तेज हो सकता है बल्कि भावनात्मक और व्यवहार संबंधी समस्याओं का खतरा भी कम हो सकता है।
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी कालेज लंदन और इंपीरियल कालेज लंदन के शोधकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन के इस नतीजे से शहरी क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने संबंधी निर्णय लेने में मदद मिल सकती है। यह निष्कर्ष लंदन के 31 स्कूलों में पढ़ने वाले नौ से 15 साल की उम्र के 3,568 बच्चों के डाटा के विश्लेषण के आधार पर निकाला गया है। बच्चों की उम्र का यह एक ऐसा दौर होता है, जब उनमें सोचने, समझने और विचार करने की क्षमताओं का विकास होता है।
नेचर सस्टेनबिलिटी पत्रिका (Nature Sustainibility Magazine) में प्रकाशित अध्ययन में शहरों में प्राकृतिक माहौल का बच्चों के मस्तिष्क विकास, मानसिक सेहत व स्वास्थ्य पर पड़ने वाले कुल प्रभाव पर गौर किया गया। शोधकर्ताओं के मुताबिक, रोजाना हरियाली के बीच अधिक समय रहने वाले बच्चों में मस्तिष्क विकास ज्यादा बेहतर पाया गया। ऐसे बच्चों में भावनात्मक और व्यवहार संबंधी समस्याओं का खतरा भी 16 फीसद कम पाया गया। यूनिवर्सिटी कालेज लंदन के शोधकर्ता मिकेल मेस ने कहा, 'पूर्व के अध्ययनों से भी जाहिर हो चुका है कि शहरी माहौल में हरियाली का मस्तिष्क विकास और मानसिक सेहत से सकारात्मक संबंध होता है।'


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