शोध में खुलासा नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों को दिल की सेहत को हो सकता है खतरा
यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार
यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, जो लोग रात की पाली में काम करते हैं, उनमें अनियमित और अक्सर असामान्य रूप से दिल की धड़कन तेज होने का खतरा बढ़ जाता है, जिसे एट्रियल फ़िब्रिलेशन (एएफ) कहा जाता है।
यह अपनी तरह का पहला अध्ययन है, जिसमें दिल की घड़कन और रात में काम करने के बीच संबंध का पता लगाया गया है। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में यूके बायोबैंक डाटाबेस से प्राप्त 2,83,657 लोगों के डाटा का विश्लेषण किया।
शोधकर्ताओं ने पाया कि लोगों ने अपने जीवनकाल में जितनी अधिक बार रात की पाली में काम किया, उनके दिल की धड़कन में अनियिमतता का जोखिम उतना ही अधिक पाया गया। अपने निष्कर्षों में शोधकर्ताओं ने कहा कि रात की पाली में काम करने से हृदय रोग का खतरा बढ़ने की संभावना अधिक रहती है।
प्रमुख शोधकर्ता शंघाई नौवें पीपुल्स हॉस्पिटल और शंघाई जिओटोंग यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन, शंघाई, चीन के प्रोफेसर यिंगली लू ने कहा कि हालांकि हम रात में काम करने और हृदयरोगों के बीच स्पष्ट संबंध उजागर नहीं कर सकते क्योंकि इस दिशा में अभी और अध्ययन की जरूरत है।
मगर हमारे परिणाम बताते हैं कि वर्तमान और आजीवन रात की पाली में काम इन स्थितियों के जोखिम को बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा कि रात की पाली में काम करन वालों में दिन के दौरान काम करने वाले लोगों की तुलना में दिल की धड़कन में अनियमितता का 12 फीसदी अधिक जोखिम होता है। दस या अधिक वर्षों के बाद उन लोगों के लिए जोखिम बढ़कर 18 प्रतिशत बढ़़ जाता है, जो लगातार रात की पाली में काम करते हैं।