शोध में खुलासा: शरीर में पहले से मौजूद एंटीबॉडी कर सकती है COVID-19 से बचाव...

कोरोना वायरस (कोविड-19) से मुकाबले में शरीर में पहले से मौजूद एंटीबॉडी की भूमिका पाई गई है।

Update: 2020-11-07 11:26 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| कोरोना वायरस (कोविड-19) से मुकाबले में शरीर में पहले से मौजूद एंटीबॉडी की भूमिका पाई गई है। एक नए अध्ययन में विज्ञानियों ने पाया कि सामान्य सर्दी-जुकाम के दौरान इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) द्वारा उत्पन्न की गई कुछ एंटीबॉडी कोविड-19 को भी निशाना बना सकती है। इस घातक वायरस से बचाव भी कर सकती है।

ब्रिटेन के फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने यह बताया कि वायरल संक्रमण से मुकाबले के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीबॉडी की उत्पत्ति करती है। इस तरह की एंटीबॉडी एक अवधि तक रक्त में मौजूद रहती है और दोबारा संक्रमण से बचाव करती है। साइंस पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पाया कि कभी कोरोना संक्रमित नहीं होने वाले कुछ लोगों खासतौर से बच्चों के रक्त में इस खतरनाक वायरस को लेकर एंटीबॉडी की प्रतिक्रिया पाई गई है। यह संभव है कि ऐसे लोगों में सामान्य सर्दी-जुकाम के नतीजन इस तरह की एंटीबॉडी की उत्पत्ति हो सकती है। यह निष्कर्ष कोविड-19 रोगियों और सामान्य लोगों के रक्त नमूनों के विश्लेषण के आधार पर निकाला गया है।

शोधकर्ताओं ने उन लोगों के रक्त में एंटीबॉडी की मौजूदगी पाई, जो कोविड-19 की चपेट में नहीं आए थे। उन्होंने इन नतीजों की पुष्टि के लिए महामारी से पहले एकत्र किए गए 300 से ज्यादा रक्त नमूनों को भी परखा। फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट के प्रमुख शोधकर्ता केविन एनजी ने कहा, 'हमारे नतीजों से जाहिर होता है कि वयस्कों की तुलना में बच्चों में इस तरह की एंटीबॉडी की मौजूदगी की ज्यादा संभावना होती है। इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए और अध्ययन की जरूरत है।' 

Tags:    

Similar News

-->