शोध: कोरोना वायरस को शरीर में बढ़ने से रोक सकती हैं हारमोन दवाएं

कोरोना वायरस

Update: 2021-05-17 16:23 GMT

पिछले डेढ़ साल से दुनिया के तमाम चिकित्सा शोधकर्ता कोविड-19 (Covid-19) का इलाज तलाश रहे हैं. इसमें अभी तक कितनी सफलता मिली इस पर भी विचार करने की जरूरत है. वैक्सीन में तो काफी हद तक हमारे वैज्ञानिकों को सफलता मिली है, पर दवा के मामले में ऐसा नहीं कहा जा सकता. लेकिन हाल ही में एक अध्ययन में पता चला है कि हारमोन (Hormone) को नियंत्रित करने वाली एक दवा सार्स कोव-2 (SARS CoV-2) से निपटने में कारगर हो सकती है.


रिसेप्टर्स को नष्ट कर सकती है दवाएं

यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिलवेनिया के अबरामसन कैंसर सेंटर के शोधकर्ताओं का यह नया प्रीक्लीनिकल अध्ययन अध्ययन दर्शाता है कि कैसे एंटी एंड्रोजन दवा उन विशेष रिसेप्टर को नष्ट कर देती हैं जिनकी मानव कोशिकाओं पर वायरल हमला करने में जरूरत होती है. हारमोन की दवाएं एंड्रोजन के स्तर को कम कर देती हैं जिससे कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन को कम करने में मदद मिलती है.

स्पाइक प्रोटीन
वायरस स्पाइक प्रोटीन का उपयोग कर ही कोशिकाओं को संक्रमित करता है. सेल प्रेस के आईसाइंस में ऑनलाइन प्रकाशित यह शोध बता रहा है कि ये दवाएं इस तरह से कोविड-19 बीमारी को बढ़ने से रोकने में मदद करती हैं. शोधकर्ताओं ने बताया कि कैसे ACE2 और TMPRSS2 नाम के दो रिसेप्टर एंड्रोजन हारमोन द्वारा नियंत्रित होते हैं.

संक्रमण के शुरुआत में ही कारगर

ACE2 और TMPRSS2 रिसेप्टर का उपयोग कर ही सार्स कोव-2 कोशिकाओं में प्रवेश करने में सफल हो पाता है. चिकित्सकीय तौर पर प्रमाणिक इनहिबिटर कैमोस्टैट और दूसरी एंटी एंड्रोजन थेरेपी से इन रिसेप्टर को रोक कर वायरस का प्रवेश और शुरुआत में ही उसकी प्रतिकृतियां बनने से रोका जा सकता है.

एंटी एंड्रोजन थेरेपी को समर्थन

इस पड़ताल से ना केवल वायरस के आणविक स्तर की ज्यादा जानकारी मिलती है, बल्कि कोविड-19 संक्रमण के इलाज के लिए एंटी एंड्रोजन थेरेपी के उपयोग को भी समर्थन मिलता है. ये थेरेपी फिलहाल क्लीनिकल ट्रायल के स्तर पर जांची जांची जा रही हैं और उन्होंने भी आशाजनक नतीजे दिए हैं.
क्या होता है ये एंड्रोजन

एंड्रोजन हारमोन मानव में वृद्धि और प्रजनन के लिए जिम्मेदार होते हैं. आमतौर पर इसे पुरुष हारमोन माना जाता है लेकिन वह नर और मादा दोनों ही रीढ़धारी जीवों में पाया जाता है. यह मुख्यतया जीवों में नर गुणओं को कायम रखने का काम करता है. टेस्टोस्टेरोन एक प्रमुख एंड्रोजन माना जाता है. पड़ताल से यह भी पता चला है कि कोविड-19 बीमारी महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में ज्यादा गंभीर क्यों होती है जिनमें बहुत कम एंड्रोजन स्तर होते हैं.

मौजूदा दवाओं से रोका जा सकता है

शोधकर्ताओ का कहना है कि उन्होंने इस बात के पहले प्रमाण दिए हैं कि एंड्रोजन को नियंत्रित करने वाला TMPRSS2 रिसेप्टर के साथ ACE2 भी इस हारमोन से सीधे नियंत्रित होता है. उन्होंने यह भी दर्शाया कि कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए सार्स कोव-2 स्पाइक इन दोनों रिस्पेटर पर निर्भर होती हैं और उन्हें मौजूदा दवाओं से रोका जा सकता है.
शोधकर्ता अब इस दिशा में और अधिक शोध करता चाहते हैं. अभी उन्होंने सूडोटाइप सार्स-कोव-2 पर प्रयोग किया था जिसमें वायरस के स्पाइक प्रोटीन तो होते हैं ,लेकिन उसके जीनोम में नहीं. इसलिए अब वे अन्य शोधकर्ताओं के साथ मिल कर जीवित सार्स कोव-2 पर एंटी एंड्रोजन थेरेपी की क्षमताओं पर और गहराई से शोध करेंगे.
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