शोध में दावा- कोरोना वायरस का ब्राजीली वैरिएंट अधिक संक्रामक
ब्राजील से निकले कोरोना वायरस के पी.1 वैरिएंट के सार्स-सीओवी-2 के अन्य स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक होने की आशंका
ब्राजील से निकले कोरोना वायरस के पी.1 वैरिएंट के सार्स-सीओवी-2 के अन्य स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक होने की आशंका है। यह वायरस से पूर्व में हुए संक्रमण से हासिल प्रतिरोधक क्षमता से बचने में सक्षम हो सकता है। साइंस जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, पी.1 के लक्षणों को जानने के लिए ब्राजील के मनौस शहर से आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया है। इसमें जेनेटिक सीक्वेंसिंग डेटा के 184 नमूनों को भी शामिल किया गया है। मनौस बड़े पैमाने पर दूसरी लहर के प्रकोप का सामना कर रहा है, जिसमें प्रतिदिन होने वाली मौतों की अधिक संख्या और स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था के ध्वस्त हो जाने के उदाहरण देखने को मिले हैं।
डेनमार्क में कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं और ब्राजील के सहकर्मियों ने पाया कि आनुवंशिक रूप से पी.1 कोरोना वायरस के पिछले स्वरूपों से अलग है। उन्होंने कहा कि इसने 17 म्युटेशन हासिल किए हैं। इसमें स्पाइक प्रोटीन - के417टी, ई484के और एन501वाई में म्युटेशन शामिल है। स्पाइक प्रोटीन कोरोना वायरस को मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने में मदद करता है।
कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता और अध्ययन के सह-लेखक समीर भट्ट ने कहा, हमारे महामारी विज्ञान माडल से संकेत मिलता है कि पी.1 के कोरोना वायरस के पिछले स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक होने की आशंका है और वायरस के अन्य स्वरूपों के संक्रमण से प्राप्त प्रतिरोधक क्षमता से बचने में सक्षम होने की आशंका है। शोधकर्ताओं ने गौर किया कि पी.1 नवंबर 2020 के आसपास मनौस में उभरा। तब से कोरोना वायरस का यह स्वरूप ब्राजील के साथ-साथ भारत सहित दुनिया के कई अन्य देशों में फैल है।