रिपोर्ट का दावा- हिंद महासागर में ड्रोन तैनात, जानिए इसके पीछे उसका मकसद

चीन ने हिंद महासागर में पानी के अंदर ड्रोन का पूरा बेड़ा तैनात कर रखा है

Update: 2020-12-31 10:48 GMT

चीन ने हिंद महासागर में पानी के अंदर ड्रोन का पूरा बेड़ा तैनात कर रखा है, जो महीनों तक काम कर सकते हैं। इन ड्रोन को तैनात करने के पीछे उसका मकसद अपनी नौसेना के लिए खुफिया जानकारी जुटाना है। इस बात का खुलासा रक्षा विश्लेषक एचआइ सटन ने किया है।

फो‌र्ब्स पत्रिका में अपने लेख में सटन ने कहा है कि काफी संख्या में तैनात किए गए ये अंडर ग्राउंड ड्रोन (सी विंग ग्लाइडर) अनक्रूड अंडरवाटर व्हीकल (यूयूवी) किस्म के हैं। इनको यहां दिसंबर 2019 के मध्य में लगाया गया था। इनके माध्यम से चीन को फरवरी माह तक 3400 निगरानी सूचनाएं प्राप्त हुई थीं। ये ड्रोन उसी तरह के हैं जैसे अमेरिका की नौसेना ने समुद्र की निगरानी में लगाए थे, जिन्हें 2016 में चीन ने पकड़ा था। यह आश्चर्यजनक है कि अब हिंद महासागर में वैसे ही ड्रोन की तैनाती चीन ने की है।

ड्रोन लंबे समय तक और लंबी दूरी तक निगरानी करने में सक्षम
रक्षा विश्लेषक के अनुसार ये ड्रोन लंबे समय तक और लंबी दूरी तक निगरानी करने में सक्षम हैं। ये चीनी ड्रोन लगातार सूचनाएं और समुद्रीय आंकड़े एकत्रित कर रहे हैं। जिनका इस्तेमाल चीन की नौसेना के लिए खुफिया जानकारी जुटाने के रूप में भी किया जा रहा है।
भारत अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए दीर्घकालीन योजनाएं तैयार करने की जरूरत
ज्ञात हो कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल विपिन रावत पहले ही कह चुके हैं कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दुनिया रणनीतिक ठिकानों की दौड़ देख रही है। यह बात उन्होंने ग्लोबल डायलॉग सिक्योरिटी समिट में कही थी। उन्होंने कहा था कि भारत के सामने आने वाली चुनौतियों को देखते हुए हमें अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए दीर्घकालीन योजनाएं तैयार करने और सैन्य क्षमता के विकास की जरूरत है।


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