मरने के 70 साल बाद मिला सम्मान, सर्वाइकल कैंसर से हो गई थी मौत, बिना पूछे डॉक्टरों ने निकाल ली थी कोशिका

करीब 70 साल पहले सर्वाइकल कैंसर की वजह से एक युवा महिला की मौत हो गई थी. उसके इलाज के दौरान डॉक्टरों ने एक कोशिका चुपके से निकाल ली

Update: 2021-10-19 08:31 GMT

जेनेवा: करीब 70 साल पहले सर्वाइकल कैंसर की वजह से एक युवा महिला की मौत हो गई थी. उसके इलाज के दौरान डॉक्टरों ने एक कोशिका चुपके से निकाल ली. इसके बाद उस कोशिका का अध्ययन करके विभिन्न बीमारियों की दवा तैयार की गई. जिससे दुनिया में लाखों लोगों की जान बच सकी.

मरने के 70 साल बाद मिला सम्मान

WHO के चीफ Dr Tedros Adhanom Ghebreyesus ने जेनेवा में मरणोपरांत Henrietta Lacks को सम्मानित किया. दरअसल Henrietta Lacks की मौत 70 साल पहले अक्टूबर 1951 में हो गई थी. लेकिन उसके शरीर से बिना अनुमति के निकाली गई एक कोशिका आज भी लाखों लोगों की जीवन बचाने का अहम कारण बनी हुई है. Henrietta की ओर से यह पुरस्कार उनके 87 साल के बेटे Lawrence Lacks ने लिया.

उन्हें सम्मानित करते हुए Dr Tedros ने कहा, ' मैं Henrietta Lacks को सम्मानित करते हुए बेहद गर्व महसूस कर रहा हूं. WHO इस बात को स्वीकार करता है कि इससे पहले के वर्षों में Henrietta के साथ वैज्ञानिक रूप से अन्याय किया गया. उनके अश्वेत रंग और महिला होने की वजह से उन्हें पर्याप्त सम्मान नहीं दिया गया. जबकि मानवता को बचाने और मेडिकल साइंस को बढ़ावा देने में उनका बेहद अहम योगदान रहा.'

सर्वाइकल कैंसर से हो गई थी मौत

DNA की रिपोर्ट के मुताबिक Henrietta Lacks अपने पति और 5 बच्चों के साथ खुश थी. एक दिन उसे वजाइना में भारी ब्लीडिंग की शिकायत हुई. वह पति के साथ जॉन होपकिंस यूनिवर्सिटी पहुंची और वहां एडमिट हो गई. जांच में पता चला कि उसे सर्वाइकल कैंसर था. डॉक्टरों ने उसका इलाज करने की कोशिश की लेकिन उसने 4 अक्टूबर 1951 को दम तोड़ दिया. जब उसकी मौत हुई, उस समय उसकी उम्र केवल 31 साल थी.

बिना पूछे डॉक्टरों ने निकाल ली थी कोशिका

जब Henrietta का इलाज चल रहा था, उस दौरान डॉक्टरों ने उसके ट्यूमर के कुछ सैंपल लिए थे. इस दौरान ट्यूमर से 'HeLa' कोशिका को निकाला गया. ऐसा करने के लिए मरीज या उनके पति से कोई अनुमति नहीं ली गई थी. इसके बाद उस कोशिका का लैब में विकास किया गया. फिर बिना परिवार की परमीशन के उस कोशिका का लैब में बड़े पैमाने पर उत्पादन करके बेचा गया. दुनियाभर में कोशिकाओं पर हो रही स्टडी के लिए 50 करोड़ मीट्रिक टन 'HeLa' कोशिका की बिक्री की गई.

कोशिका से लाखों लोगों की बची जान

यह 'HeLa' कोशिका लोगों की जान बचाने में रामबाण सिद्ध हुई. इस कोशिका का अध्ययन करके दुनियाभर के वैज्ञानिक HPV वैक्सीन, पोलियो वैक्सीन, HIV/AIDS की दवा, haemophilia, leukaemia और पार्किंसंस रोगों की दवा बनाने में कामयाब रहे. इसके साथ ही कैंसर, जीन मैपिंग, IVF जैसी इलाज की पद्धतियों का भी विकास तेज हुआ. जिनका इस्तेमाल करके दुनिया में अब तक लाखों लोगों की जान बचाई जा सकी है.

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