भारतीय दामाद होने पर रूस के वित्त मंत्री पर उठे सवाल, अपनी पत्नी को लेकर दिया ये बयान

कंपनी ने यूक्रेन में युद्ध के पीड़ितों के लिए राहत प्रयासों के लिए 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया है.

Update: 2022-03-26 09:09 GMT

भारतीय मूल के ब्रिटिश वित्त मंत्री ऋषि सुनक (Finance Minister Rishi Sunak) सवालों के घेरे में आ गए हैं. इस बार ऋषि सुनक (Rishi Sunak) पर उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति (Akshata Murthy) के इंफोसिस (Infosys) में हिस्सेदारी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. इसके पीछे की वजह ब्रिटेन समेत अन्य पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंध है. जबकि, इंफोसिस वहां पर लगातार काम कर रही है.

नारायण मूर्ति के हैं दामाद
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ब्रिटेन ( Britain) के अगले प्रधानमंत्री बनने की राह पर हैं. इस बीच ऋषि सुनक इंफोसिस (Infosys) की रूस (Russia) में उपस्थिति को लेकर आलोचना के शिकार हो गए हैं. इंफोसिस के संस्थापक ऋषि सुनक के ससुर नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) हैं और इस कंपनी में ऋषि की पत्नी अक्षता मूर्ति (Akshata Murthy) की हिस्सेदारी है.
मेरा कंपनी से नहीं कुछ लेना-देना
स्काई न्यूज की रिपोर्टर ने पूछा कि वह खुद प्रतिबंधों का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं. इस पर ऋषि सुनक ने कहा कि इससे उनका कुछ लेना-देना नहीं है. इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) के दामाद ने कहा कि मैं एक निर्वाचित राजनेता हूं और मैं यहां बात करने के लिए हूं कि मैं किसके लिए जिम्मेदार हूं.
रूस से मिल रहा लाभ
जब उनसे पूछा गया कि उनकी पत्नी एक निर्वाचित राजनेता नहीं हैं, लेकिन एक देश के रूप में, अगर यूके अपने करदाताओं से लड़ाई में यूक्रेन की मदद करने के लिए कह रहा है. वहीं, उनके परिवार को रूस से लाभ मिल रहा है. यूनाइटेड किंगडम के सांसद ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह मामला है. कंपनियों का संचालन उन पर निर्भर है. हमने महत्वपूर्ण प्रतिबंध लगाए हैं और जिन कंपनियों के लिए हम जिम्मेदार हैं, वे उनका पालन कर रहे हैं.
निवेश को लेकर दिया था बयान
इसके बाद सांसद से पूछा गया कि क्या आप जानते हैं कि इंफोसिस है? ऋषि सुनक ने कहा कि मुझे बिल्कुल पता नहीं है, क्योंकि मेरा उस कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है. बता दें कि पिछले दिनों ब्रिटेन के सांसद ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने फर्मों से रूस में निवेश को लेकर सावधान रहने का आग्रह किया था.
कंपनी देगी यूक्रेन को मदद
हालांकि, इससे पहले इंफोसिस ने कहा था कि उसके पास रूस से बाहर के कर्मचारियों की एक छोटी टीम है. स्थानीय रूसी उद्यमों के साथ उनका कोई सक्रिय व्यावसायिक संबंध नहीं है. रूस में हमारी टीम कुछ वैश्विक ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करती है. कंपनी ने यूक्रेन में युद्ध के पीड़ितों के लिए राहत प्रयासों के लिए 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया है.

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