क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार के प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है। लंदन में वेस्टमिंस्टर एबे में इससे जुड़ी परंपराओं का निर्वाह किया जा रहा है। ब्रिटेन पर लंबे समय तक शासन करने वाली क्वीन एलिजाबेथ को आखिरी विदाई देने के लिए दुनिया भर से लोग जुटे हुए हैं। इसमें कुल 2000 खास मेहमान शामिल हैं, जिनमें दुनिया के अलग-अलग देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल हैं। साल 1965 के बाद शाही परिवार में यह पहला फ्यूनरल है। इस दौरान किंग चार्ल्स और ब्रिटिश शाही परिवार के वरिष्ठ सदस्य भी मौजूद हैं।
यहां करेंगी अंतिम विश्राम
क्वीन एलिजाबेथ II का ताबूत इंग्लिश ओक से एक दशक पहले बनाया गया है। स्काई न्यूज के मुताबिक इसे रॉयल फैमिली के सैंडरिंघम एस्टेट में लगे ओक के पेड़ों से बनाया गया है। महारानी का ताबूत वेस्टमिंस्टर एबे से लंदन के वेलिंगटन आर्क ले जाया गया है। इसके बाद ताबूत को शवयान के जरिए विंडसर ले जाया जाएगा, जहां महारानी अंतिम विश्राम करेंगी। क्वीन को उनके पति प्रिंस फिलिप, ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग के ठीक बगल में दफनाया जाएगा। क्लीन एलिजाबेथ का ताबूत रॉयल स्टैंडर्ड फ्लैग से ढका हुआ है। वहीं शाही मुकुट को फूलों के साथ इसके ऊपर रखा गया है। वहीं लंदन की गलियों में पूरी तरह से सन्नाटा फैला हुआ है। सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं और बड़ी संख्या में लोग महारानी को अंतिम विदाई देने के लिए जुटे हुए हैं।
अंतिम यात्रा की खास बातें
2000 गणमान्य व्यक्ति शामिल हो रहे हैं। महारानी की अंतिम यात्रा के लिए दुनिया भर से।
6000 करीब सेना के जवानों की अंतिम यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है।
10,000 पुलिस अधिकारी इस दौरान सुरक्षा में लगे हुए हैं।
1650 सेना के जवान महारानी के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में शामिल हैं।
10 लाख लोगों को लंदन पहुंचने की उम्मीद जताई गई है।
125 सिनेमा हॉल महारानी के अंतिम संस्कार का टेलीकॉस्ट कर रहे हैं।
3169 डायमंड्स, सैफायर, एमरल्ड्स, पर्ल्स और रूबी महारानी के ताबूत पर लगे हैं।