यूक्रेन पर हमले का आदेश देने के बाद पहली बार विदेश दौरे पर जाएंगे पुतिन

इसके लिए दोनों देशों के बीच पाइपलाइन बनाने पर भी सहमति बनी थी।

Update: 2022-06-28 04:45 GMT

मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस हफ्ते मध्य एशिया के दो पूर्व सोवियत देशों का दौरा करेंगे। रूस की सरकारी मीडिया के अनुसार, यूक्रेन पर आक्रमण का आदेश देने के बाद यह व्लादिमीर पुतिन की पहली विदेश यात्रा होगी। पुतिन ने 24 फरवरी को स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन का नाम देकर यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का ऐलान किया था। तब से लेकर आज तक दोनों देशों के बीच युद्ध जारी है। इस युद्ध में यूक्रेन के हजारों आम नागरिकों की मौत हो चुकी है, इसके बावजूद शांति की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही। इस बीच रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन के बड़े हिस्से पर अपना कब्जा जमा लिया है।

ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान का दौरा करेंगे पुतिन
रोसिया 1 स्टेट टेलीविजन के स्टेशन के क्रेमलिन संवाददाता पावेल जारुबिन ने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान का दौरा करेंगे। इसके बाद वे मॉस्को में बातचीत के लिए इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो से मिलेंगे। दुशांबे में, पुतिन ताजिक राष्ट्रपति इमोमाली राखमोन से मिलेंगे। राखमोन को पुतिन का करीबी सहयोगी कहा जाता है। वे ताजिकिस्तान पर सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले शासक हैं। जारुबिन ने बताया कि पुतिन अश्गाबात में अजरबैजान, कजाकिस्तान, ईरान और तुर्कमेनिस्तान के नेताओं सहित कैस्पियन देशों के एक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
पुतिन के बेलारूस जाने का भी है प्रोग्राम
आरआईए समाचार एजेंसी ने रविवार को रूस के संसद के ऊपरी सदन के स्पीकर वेलेंटीना मतविएन्को का हवाला देते हुए कहा कि व्लादिमीर पुतिन का बेलारूस जाने की भी योजना है। वे बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ एक फोरम में भाग लेने के लिए 30 जून और 1 जुलाई को बेलारूसी शहर ग्रोडनो का दौरा करेंगे। इस दौरान वे अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। इसमें रूस और बेलारूस के बीच संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की जाएगी। माना जाता है कि इस दौरान पुतिन बेलारूस में मिसाइलों को तैनात करने की औपचारिक मंजूरी भी दे सकते हैं।
आखिरी बार फरवरी में चीन गए थे पुतिन
रूस के बाहर पुतिन की अंतिम ज्ञात यात्रा फरवरी में बीजिंग की थी। इस दौरान पुतिन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ शीतकालीन ओलंपिक खेलों के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। इस दौरान दोनों देशों के बीच तेल और गैस आयात को लेकर समझौता भी हुआ था, जिसके अंतर्गत चीन पहले की अपेक्षा रूस से ज्यादा मात्रा में ईंधन का आयात करेगा। इसके लिए दोनों देशों के बीच पाइपलाइन बनाने पर भी सहमति बनी थी।

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