पुतिन ने तेल के उत्पादन में कटौती को लेकर दी चेतावनी

Update: 2022-12-10 01:41 GMT

अमेरिका सहित G-7 देशों ने रूस के तेल पर प्राइस कैप लगाने का फैसला किया है. यह फैसला तेल की बिक्री से रूस को होने वाली कमाई पर चोट करने की मंशा से लिया गया. इस पर अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बेहद सख्त लहजे में कहा है कि अगर उनके तेल पर प्राइस कैप थोपी गई तो रूस किसी भी देश को तेल नहीं बेचेगा.

पुतिन ने साथ ही तेल के उत्पादन में कटौती की भी चेतावनी दी है. पुतिन ने शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि रूस उन देशों को तेल नहीं बेचेगा, जो इस प्राइस कैप से सहमति जताएंगे या रूसी तेल की खरीद पर ईयू के प्रतिबंधों में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि अगर संभव हुआ तो हम तेल उत्पादन में कटौती पर भी सोचेंगे.

बता दें कि यूक्रेन युद्ध के बाद से ईयू के रूस पर प्रतिबंधों और प्राइस कैप को लेकर पुतिन की संभावित रूप से पहली प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है. G-7 देश रूस के तेल पर प्राइस कैप लगाने जा रहे हैं. यह प्राइस कैप प्रति बैरल 65 से 70 डॉलर तक हो सकता है. यानी रूस इससे सस्ता या महंगा तेल नहीं बेच पाएगा. प्राइस कैप लागू हो जाने के बाद अगर कोई भी कंपनी इसके अनुकूल तेल नही खरीदती, तो उस तेल के लिए कंपनियों को शिपिंग, बीमा और वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी. उन्होंने तेल पर प्राइस कैप को एक बेवकूफाना फैसला बताते हुए कहा कि यह वैश्विक तेल बाजारों के लिए नुकसानदायक है. पुतिन का कहना है कि इसे लागू करना सभी के लिए बेवकूफी भरा होगा. रूस पहले भी कह चुका है कि पश्चिमी देशों की ओर से लाए जाने वाला यह प्राइस कैप बाजार के सिद्धांतों के खिलाफ है.

रूस दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश है. 2022 की पहली छमाही में तेल और गैस की बिक्री से रूस के बजट राजस्व में 70 फीसदी का इजाफा हुआ है.


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