पुतिन ने दी चेतावनी कोई भी देश बीच में न पड़े, नहीं मानने पर भुगतने होंगे अभूतपूर्व परिणाम

Update: 2022-02-24 16:24 GMT

रुस के प्रेसिडेंट Vladimir Putin ने आज यूक्रेन में मिलिट्री ऑपरेशन का एलान कर दिया। ऐसा करते हुए उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य नागरिकों को सुरक्षा देना है। टेलीविजन पर प्रसारित अपने एक संदेश में प्रेसिडेंट पुतिन ने कहा कि उन्होंने यह कार्रवाई यूक्रेन की तरफ से उत्पन्न खतरे को देखते हुए किया है। उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि रूस की यूक्रेन पर कब्जा करने की कोई मंशा नहीं है। इस खून-खराबे की जिम्मेदारी यूक्रेन शासन की है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस के इस मिलिट्री ऑपरेशन का लक्ष्य यूक्रेन का विसैन्यीकरण करना है। उन्होंने यूक्रेन की सेना से भी यह अपील की वह अपने हथियार डालकर अपने घर चले जाएं। राष्ट्रपति पुतिन ने दूसरे देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे रूस के इस एक्शन में कोई दखल देने की कोशिश ना करें। अगर किसी भी देश की तरफ से इस तरह की कोई भी कोशिश होती है तो उनको ऐसे परिणाम भुगतने होंगे जिसका उन्होंने अंदाजा भी नहीं लगाया होगा। उन्होंने अमेरिका और उसके सहयोगी देशों पर यह आरोप लगाया है कि उन्होंने लगातार रूस की उस मांग की उपेक्षा की जिसमें यूक्रेन को NATO में शामिल ना करने की अपील की गई थी और रूस को सिक्योरिटी गारंटी देने की मांग की गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वी यूक्रेन में नागरिकों की सुरक्षा के लिए रूस का यह एक्शन जरुरी हो गया था। यह भी पढ़े- Brent oil की कीमतें 8 साल बाद फिर 100 डॉलर के पार, Ukraine crisis गहराने से बढ़ी कीमतें गौरतलब है कि यूएस ने पहले ही इस बात की आशंका जताई थी कि रूस अपने आक्रमण को न्यायोचित सिद्ध करने के लिए इसी तरह के तर्क देगा। इस बीच अमेरिकी प्रेसिडेंट Joe Biden ने रूस के इस कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा है कि रूस ने बिना किसी उकसावे के अन्यायपूर्ण तरीके से यूक्रेन पर आक्रमण किया है। उन्होंने आगे कहा कि दुनिया इस हमले के लिए रूस को ही जिम्मेदार ठहराएगी। बताते चलें कि इसके पहले प्रेसिडेंट पुतिन ने रूस और यूक्रेन के बीच के तनाव को खत्म करने के लिए 3 शर्ते रखी थी। जिसमें से पहली शर्त यह थी कि कीव NATO में शामिल होने की जिद छोड़ दे। अपना आंशिक विसैन्यीकरण करें और Crimea पर रूस की समप्रभूता को मान्यता दे। बता दें कि क्रीमिया Black Sea में स्थित एक प्रायद्वीप है। जिसको रूस ने 2014 में यूक्रेन से अलग करके अपने में शामिल कर लिया था। यूक्रेन इन मांगों को लंबे समय से अस्वीकार करता रहा है।

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