पुतिन ने दिखाई महाविनाशक मिसाइल की ताकत, अमेरिका तक मचा सकती है तबाही

अमेरिका ने दूसरे व‍िश्‍वयुद्ध से लेकर अब तक 37 देशों में 2 करोड़ लोगों की हत्‍या की है।

Update: 2022-07-07 08:56 GMT

मास्‍को: यूक्रेन युद्ध, फिनलैंड और स्‍वीडन को लेकर नाटो के साथ चल रहे तनाव के बीच रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने दुनिया को अपनी महाव‍िनाशक ताकत का अहसास कराया है। रूस की सेना ने यार्स अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल से साइबेरिया के जंगलों में युद्धाभ्‍यास किया है। रूस की इस मिसाइल की रेंज 12 हजार किमी है और यह अमेरिका तक तबाही मचा सकती है। पुतिन की सेना ने यह मिसाइल अभ्‍यास ऐसे समय पर किया है जब रूस के पूर्व राष्‍ट्रपति दमित्रि मेदवेदेव ने युद्धापराध में रूस को दंडित किए जाने पर मानवता के अस्तित्‍व के खात्‍मे की धमकी दी है।

रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा, 'इस अभ्‍यास में करीब 100 हथियार हिस्‍सा ले रहे हैं। रूस के रणनीतिक मिसाइल फोर्स ने यार्स रोड मोबाइल मिसाइल सिस्‍टम को एक जगह से दूसरी जगह तैनात किए जाने का अभ्‍यास किया। इस दौरान रूसी सैनिकों ने मिसाइल के साथ अपने युद्ध कौशल और जंगल के अंदर छिप जाने का अभ्‍यास किया।' रूसी सैनिकों को तबाही मचाने, लॉन्‍च एरिया में खोज करने और 'दूषित इलाके' से निकलने का भी अभ्‍यास किया।

मेदवेदेव ने अंतरराष्‍ट्रीय आपराधिक अदालत पर धमकी दी
यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने अपनी परमाणु सेना को अलर्ट कर दिया है। रूसी सेना लगातार नियमित अंतराल पर अभ्‍यास कर रही है। रूस और उसके सहयोगी देश अक्‍सर परमाणु धमकी भी देते रहते हैं। इस बीच मेदवेदेव ने धमकी दी है कि अंतरराष्‍ट्रीय आपराधिक अदालत को रूस के खिलाफ 'कानूनी रूप से अमान्‍य' कार्रवाई करने से बचना चाहिए। उन्‍होंने कहा, 'सबसे बड़ी परमाणु क्षमता से लैस देश को दंडित करने का विचार अपने आप में हास्‍यास्‍पद है। यह परमाणु हथियार मानवता के अस्तित्‍व को खतरे में डाल सकते हैं।'

मेदवेदेव ने आरोप लगाया कि अमेरिका अंतरराष्‍ट्रीय आपराधिक अदालत के जरिये अव्‍यवस्‍था और बर्बादी के बीज बोने का प्रयास कर रहा है। उन्‍होंने पश्चिमी देशों को इडियट करार दिया। पुतिन के करीबी मेदवेदेव ने कहा कि पूरा अमेरिकी इतिहास खूनी रहा है। यह अपनी राजनीति की पहचान बन गया है, फिर चाहे कोई भी सत्‍ता में हो। दूसरे व‍िश्‍वयुद्ध के दौरान अमेरिका ने हिरोशिमा और नागासाकी को केवल इसलिए तबाह कर दिया ताकि मैनहैटन प्रॉजेक्‍ट में आए खर्च को न्‍यायसंगत ठहराया जा सके। अमेरिका ने दूसरे व‍िश्‍वयुद्ध से लेकर अब तक 37 देशों में 2 करोड़ लोगों की हत्‍या की है।

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