यूक्रेन में रूसी सेना को भारी नुकसान से भड़के पुतिन, जेलेंस्की का दावा- 6 गुना ज्यादा मारे गए रूसी सैनिक

Update: 2022-04-16 03:53 GMT

नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध बीते 50 दिनों से जारी है. ऐसे में दोनों ही देशों के हजारों सैनिकों की मौत हो चुकी है. इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक इंटरव्यू में अनुमान जताया है कि युद्ध के दौरान करीब तीन हजार यूक्रेनी सैनिक मारे गए हैं, जबकि रूस को अपने 19 से 20 हजार सैनिक गंवाने पड़े हैं. जेलेंस्की ने कहा कि करीब 10 हजार यूक्रेनी सैनिक घायल हुए हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि इन जख्मियों में से कितने जिंदा बच पाएंगे.

वहीं रूसी सैनिकों पर आरोप लग रहे हैं कि वो नागरिकों को भी अपना निशाना बना रहे हैं. कीव के क्षेत्रीय पुलिस बल के प्रमुख एंड्री नेबितोव ने बताया कि रूसी सेना की वापसी के बाद यूक्रेन की राजधानी कीव क्षेत्र में 900 से ज्यादा नागरिकों के शव मिले हैं. शवों को सड़कों पर छोड़ दिया गया था या अस्थायी रूप से दफनाया गया था. उन्होंने पुलिस के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 95% हताहतों की मौत स्नाइपर की आग और बंदूक की गोली से हुई.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने भी आरोप लगाया कि दक्षिण में खेरसोन और ज़ैपसोरिज़िया में रूसी सेना नागरिकों को मार रही है और सरकारी या फिर सेना में काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को शिकार बना रही है.
रूस के रक्षा मंत्रालय द्वारा कीव पर मिसाइल हमलों को तेज करने की बात करने के बाद यह झकझोर देने वाली खबर सामने आई है. हाल ही में यूक्रेन ने दावा किया था कि काला सागर में उसने मिसाइल दागकर रूसी युद्धपोत मोस्कवा को नष्ट कर दिया है. इसके अलावा रूसी इलाके में आवासीय भवनों पर यूक्रेनी सेना पर हवाई हमले शुरू करने के भी आरोप लगे है. इसके जवाब में रूस के रक्षा मंत्रालय ने कीव पर मिसाइल हमलों को बढ़ाने की बात कही है.
गवर्नर ओलेह सिनेहुबोव ने बताया कि धमकी के बीच रूस लगातार पूर्वी यूक्रेन पर हमला कर रहा है. मारियुपोल के दक्षिणी बंदरगाह शहर में भी लड़ाई जारी रही, जहां स्थानीय लोगों ने रूसी सैनिकों को शवों को खोदते हुए देखने की सूचना दी. वहीं उत्तर पूर्वी खारकीव शहर में भी गोलीबारी में सात महीने के बच्चे समेत सात नागरिकों की मौत हो गई और 34 लोग घायल हो गए थे.
रूस-यूक्रेन जंग के बीच एक बार फिर से युद्ध प्रभावित क्षेत्रों से नागरिकों को निकालने के लिए 9 मानवीय गलियारे बनाए गए हैं. मारियोपाल, एनरगोडार, टोकमक और बर्दियांस्क शहरों के लोग अपने खुद के वाहनों से निकलकर सुरक्षित जगहों पर जा सकते हैं. 
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