पुतिन ने और सैनिक बुलाए! दुनियाभर में खलबली, दहशत में रूस के ही लोग
बड़ी संख्या में रूसी नागरिकों ने देश छोड़ना शुरू कर दिया है।
मॉस्को: राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की चेतावनी का असर रूस में खासतौर से देखने को मिल रहा है। रिजर्विस्ट यानी आरक्षित सैनिकों की तैनाती के ऐलान के बाद बड़ी संख्या में रूसी नागरिकों ने देश छोड़ना शुरू कर दिया है। इसकी गवाही रूस के बाहर जा रही उड़ानों में बुकिंग के आंकड़े दे रहे हैं। खबर है कि यात्री रूस से निकलने के लिए वन-वे टिकट बुक करा रहे हैं, जिसके चलते कीमतों में भी खासा इजाफा हुआ है।
दरअसल, राष्ट्रपति की तरफ से जारी चेतावनी के बाद रूस के नागरिकों को मार्शल लॉ का डर सता रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें चिंता है कि ऐसा होने पर लड़ने की उम्र वाले पुरुषों को रूस छोड़ने की अनुमति नहीं होगी। पुतिन ने 25 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का ऐलान कर दिया था।
फ्लाइट ट्रैकिंग सर्विस फ्लाइट रडार की तरफ से जारी वीडियो में रूस से वन-वे उड़ान भर रहे विमानों की जानकारी मिल रही है। खबरों के अनुसार, गूगल ट्रैंड्स का डेटा बताता है कि Aviasales (रूस में विमान टिकट खरीदने के लिए लोकप्रिय वेबसाइट) को लेकर सर्च में भी खास इजाफा हुआ है। साथ ही देश से बाहर जाने वाली फ्लाइट्स भी लगभग पूरी तरह बुक हो चुकी हैं।
पुतिन ने तीन लाख आरक्षित सैनिकों की आंशिक तैनाती की घोषणा की और रूस की संप्रभुता के लिए इसे आवश्यक बताते हुए आरोप लगाया कि पश्चिमी देश उनके देश (रूस) को नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि 3,00,000 'रिजर्विस्ट' (आरक्षित सैनिक) की आंशिक तैनाती की योजना बनाई गई है।
पुतिन ने टेलीविजन के जरिए देश को संबोधित करते हुए चेतावनी भरे लहजे में पश्चिमी देशों से कहा कि रूस अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा और 'यह कोरी बयानबाजी' नहीं है। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और यह प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ हो जाएगी।
रिजर्विस्ट ऐसा व्यक्ति होता है जो 'सैन्य आरक्षित बल' का सदस्य होता है। यह आम नागरिक होता है जिसे सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है तथा आवश्यकता पड़ने पर इसे कहीं भी तैनात किया जा सकता है। शांतिकाल में यह सेवाएं नहीं देता है।
पुतिन ने कहा कि विस्तारित सीमा रेखा, यूक्रेन की सेना द्वारा रूसी सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार गोलाबारी और मुक्त कराए गए क्षेत्रों पर हमलों के लिए रिजर्व से सैनिकों को बुलाना आवश्यक था। उनके इस संबोधन के ठीक एक दिन पहले दक्षिणी और पूर्वी यूक्रेन के रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों ने घोषणा की कि वे रूस का अभिन्न अंग बनने के लिये 23 से 27 सितंबर के बीच जनमत संग्रह कराएंगे।