पेशावर में हुई PTI की बड़ी रैली, नए प्रधानमंत्री शहबाज पर बरसे इमरान खान
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष इमरान खान (Imran Khan) ने बुधवार देर रात पेशावर में एक विशाल रैली बुलाई. देश में सत्ता परिवर्तन के बाद पहली बार आयोजित इस रैली में इमरान खान ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पर जमकर जुबानी हमले किए. इस दौरान पीटीआई नेता ने पाकिस्तानी युवाओं से नए वजीर-ए-आजम के खिलाफ सोशल मीडिया के जरिए आवाज उठाने का आह्वान किया. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व पर निशाना साधा और कहा, यह 1970 के दशक का पाकिस्तान नहीं है, बल्कि एक 'नया पाकिस्तान' है जहां लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज उठाने का अधिकार है.
भारी भीड़ को संबोधित करते हुए पूर्व पीएम इमरान ने आगे कहा, "यह सोशल मीडिया का पाकिस्तान है. आज देश के पास 6 करोड़ मोबाइल फोन हैं, जिनके जरिए युवा आवाज उठाते हैं. अब कोई भी उनका मुंह बंद नहीं कर सकता."
सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ कार्रवाई को लेकर इमरान खान ने नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को कड़ी चेतावनी दी और कहा कि जिस दिन हम इस पर अपनी आवाज उठाएंगे, आपको बचने के लिए कोई जगह तक नहीं मिलेगी. बता दें कि पाकिस्तान में नई सरकार बनते ही फेडरल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (FIA) ने इमरान की पार्टी के आठ कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की है. आरोप है कि पीटीआई के कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर सेना प्रमुख और सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ कैंपेन चला रहे थे. अब इसी मसले को लेकर इमरान खान भड़क उठे हैं.
वहीं, रैली में बोलते हुए इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान के लोग शहबाज शरीफ को स्वीकार नहीं करेंगे क्योंकि वह करोड़ों से अधिक के भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल हैं. पूर्व पीएम ने अपने आरोपों में कहा, शहबाज शरीफ के खिलाफ 40 हजार करोड़ के भ्रष्टाचार के मामले हैं. क्या आपको लगता है कि हम उन्हें अपने प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार करेंगे? जो भी ऐसा सोचता है तो उसे बता दें कि यह 1970 का पाकिस्तान नहीं है जब जुल्फिकार अली भुट्टो को विदेशी ताकतों की मदद से हटा दिया गया था. यह एक नया पाकिस्तान है.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के अध्यक्ष और विपक्ष के पूर्व नेता शहबाज शरीफ को इमरान खान की सरकार गिरने के बाद बीते सोमवार को ही देश की नेशनल असेंबली ने पाकिस्तान का 23वां प्रधानमंत्री चुना गया है. बता दें कि विपक्षी की तरफ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का सामना न कर पाने के कारण इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से हटना पड़ा.