महिला एक्टिविस्ट की दिनदाहाड़े हत्या के विरोध बलूचिस्तान में प्रदर्शन, नरसंहार बंद करने की अपील
महिला एक्टिविस्ट और बलूच नेता करीमा बलूच की दिनदाहाड़े हत्या के विरोध |
महिला एक्टिविस्ट और बलूच नेता करीमा बलूच की दिनदाहाड़े हत्या के विरोध में शुक्रवार को सैकड़ों लोग बलूचिस्तान के तुर्बत शहर की सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों में अधिकांश महिलाएं थीं और ये लोग 'नरसंहार बंद करो' जैसे नारे लिखी हुई तख्तियां अपने हाथों में लिए थीं। तुर्बत बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा के बाद दूसरा बड़ा शहर है। करीमा बलूच का शव मंगलवार को झील के किनारे मिला था।
माना जा रहा है कि उनकी हत्या की गई है और इसके पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी का हाथ है। उधर, गुरुवार को 'फ्रेंड्स ऑफ करीमा बलूच' संगठन ने टोरंटो पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाए। कोरोना प्रोटोकॉल के बावजूद पुलिस मुख्यालय के बाहर लोग एकत्र होने में कामयाब रहे।
प्रदर्शनकारियों ने टोरंटो पुलिस के उस बात को मानने से इन्कार कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि करीमा की मौत प्राकृतिक है और इसके पीछे किसी तरह का षड्यंत्र नहीं है। इस बीच दुनियाभर के 50 से अधिक मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और बुद्धिजीवियों ने करीमा बलूच संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत पर चिंता व्यक्त की और कनाडा से उच्चस्तरीय जांच का आग्रह किया है।
पाकिस्तानी असंतुष्टों की हत्या एक खतरनाक प्रवृत्त
मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले एक यूरोपीय थिंक टैंक ने कहा है कि पाकिस्तानी असंतुष्टों की हत्या एक खतरनाक प्रवृत्ति है और इसे रोकने की जरूरत है। यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (ईएफएसएएस) ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (यूएनएचसीआर) को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। इस बीच मानवाधिकारों पर नजर रखने वाले एक संगठन की निदेशक केनेथ रोथ ने बलूच की मौत की जांच की मांग की है।