जमैका में शाही कपल के दौरे का विरोध जारी, सड़कों पर उतरे लोग, माफी मांगने को कहा

ब्रिटेन को माफी मांगनी चाहिए.

Update: 2022-03-23 08:34 GMT

ब्रिटिश शाही परिवार (British Royal Family) के प्रिंस विलियम (Prince William) और उनकी पत्नी केट मिडलटन कैरेबियाई देशों के दौरे पर निकले हैं. लेकिन जमैका वो देश है, जहां इस यात्रा को लेकर भूचाल आया हुआ है. यहां एक्टिविस्ट से लेकर प्रोफेसर और राजनेता तक ड्यूक और डचेज ऑफ कैम्ब्रिज के दौरे का विरोध कर रहे हैं. इनकी मांग है कि ब्रिटेन (Britain) को माफी मांगनी चाहिए और सैकड़ों साल की गुलामी के लिए मुआवजा देना होगा. प्रिंस विलियम महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पोते हैं.

दोनों जमैका की राजधानी किंग्सटन में मंगलवार शाम पहुंचे थे. शाही कपल की यात्रा जमैका की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ और महारानी एलिजाबेथ की ताजपोशी की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर हो रही है. एक ओपन लेटर भी सामने आया है, जिसपर जमैका के 100 नेताओं ने हस्ताक्षर किए हैं. इसमें इन्होंने कहा है कि उन्हें महारानी की ताजपोशी का 'जश्न मनाने का कोई कारण नहीं' दिख रहा, क्योंकि उनके नेतृत्व और उनसे पहले के नेतृत्व में मानव जाति के इतिहास में सबसे बड़ी मानवाधिकार त्रासदी को कायम रखा गया था.
'महारानी ने 70 साल में कुछ नहीं किया'
इसमें लिखा है, 'सिंहासन पर बैठे अपने इन 70 साल के दौरान आपकी दादी ने हमारे पूर्वजों की पीड़ा के निवारण और प्रायश्चित के लिए कुछ नहीं किया है. जो उनके शासनकाल के दौरान और अफ्रीकियों की ब्रिटिश तस्करी, दासता और उपनिवेशीकरण के समय हुई थीं.' मंगलवार को किंग्सटन में स्थित ब्रिटिश उच्चायोग के बाहर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए. यहां लोगों ने पांरपरिक गाने गाए और बैनर पकड़े हुए थे. जिनपर माफी मांगने को कहा गया है.
 यहां आए लोगों में से एक ने कहा, 'मैं ब्रिटिश ताज को यह बताना चाहता हूं कि उन्होंने अफ्रीकी लोगों के खिलाफ एक बड़ा अपराध किया है और उन्हें माफी मांगनी चाहिए और जो कुछ उन्होंने हमारे पूर्वजों से लिया है, उसे वापस देना चाहिए.' 300 से अधिक वर्षों के ब्रिटिश शासन के तहत सैकड़ों हजारों गुलाम अफ्रीकी लोगों ने जमैका में कड़ी मेहनत की थी और क्रूर परिस्थितियों का सामना किया था. इस दौरान कई विद्रोह भी हुए थे. जमैका के नेताओं ने कहा कि वह अपने देश की आजादी की 60वीं वर्षगांठ मनाएंगे, लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ब्रिटेन को माफी मांगनी चाहिए.

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