एच-1बी वीजा देने के लिए कंप्यूटरीकृत लॉटरी व्यवस्था को समाप्त करने का प्रस्ताव, ट्रंप प्रशासन ने उठाया ये बड़ा कदम...

अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करने वाले विदेशी पेशेवरों को एच-1बी वीजा देने|

Update: 2020-10-29 12:06 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| वाशिंगटन: अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करने वाले विदेशी पेशेवरों को एच-1बी वीजा देने के लिए कंप्यूटरीकृत लॉटरी व्यवस्था को समाप्त कर इसके स्थान पर वेतन आधारित चयन प्रक्रिया अपनाने का प्रस्ताव दिया है.

नई व्यवस्था के लिए एक अधिसूचना गुरूवार को फेडरल रजिस्टर में प्रकाशित की जा रही है.गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने बुधवार को कहा कि हितधारक, अधिसूचना पर 30 दिन के भीतर जवाब दे सकते हैं.डीएचएस की ओर से कहा गया कि कंप्यूटरीकृत लॉटरी की व्यवस्था को समाप्त करने से अमेरिकी कर्मचारियों के भत्तों पर पड़ने वाला दबाव कम होगा जो हर साल कम वेतन वाले एच-1बी वीजा धारकों के आने से पड़ता है.

एच-1बी वीजा एक गैर प्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को तकनीकी विधाओं में दक्ष विदेशी कमर्चारियों को नौकरियां देने की मंजूरी प्रदान करता है.एच-1 बी वीजा पर नजर डालें तो अमेरिका 85,000 वीजा हर साल हाई स्किल्ड कर्मचारियों को जारी करता है. यह वीजा 6 सालों के लिए मान्य रहता है. 2019 में 188,123 एच 1 वीजा जारी किया गया था. हालांकि इसमें रिन्युअल वाले भी वीजा थे.

इसमें से भारतीयों के लिए 131,549 वीजा जारी किए गए थे. जबकि चीनी नागरिकों के लिए 28,483 वीजा जारी किए गए थे. इस साल मई 2020 में केवल 143 एच-1 वीजा जारी किए गए थे. जबकि 2019 के मई में 13,367 वीजा जारी किए गए थे.

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