पाकिस्तान में विपक्ष के प्रमुख नेता गिरफ्तार, कोर्ट ने अध्यादेश जारी करने को लेकर इमरान को लगाई लताड़

इस्लामाबाद पुलिस ने गुरुवार रात यह कार्रवाई की

Update: 2022-03-11 16:57 GMT
इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर गतिविधि शुरू होने से पहले संसद लाज से नेशनल असेंबली के प्रमुख विपक्षी सदस्यों समेत 19 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में सभी को रिहा कर दिया गया।
न्यूज इंटरनेशनल अखबार के अनुसार, इस्लामाबाद पुलिस ने गुरुवार रात यह कार्रवाई की। पुलिस द्वारा सभी को रिहा किए जाने के बाद जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल के प्रमुख ने देशभर में सड़क जाम की योजना स्थगित कर दी। पुलिस ने जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआइ-एफ) की सुरक्षा के लिए गठित अंसारुल इस्लाम के सदस्यों के संसदीय लाज में प्रवेश कर जाने के बाद यह कार्रवाई की थी। विपक्षी दल पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि इस कार्रवाई से प्रधानमंत्री इमरान की हताशा का पता चलता है।
इधर, प्रधानमंत्री इमरान खान ने विपक्षी दलों को निशाना बनाया है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार एवं मनी लांड्रिंग में संलिप्तता के कारण उनका पहला निशाना पीपीपी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी हैं। इमरान ने लाहौर स्थित गर्वनर हाउस में अपनी पाकिस्तान तहरीक ए-इंसाफ पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
अध्यादेश जारी करने को लेकर कोर्ट ने इमरान सरकार को लगाई फटकार
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने एक उल्लेखनीय फैसले में प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार को बहुत ज्यादा संख्या में अध्यादेश जारी करने पर फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि केवल आवश्यक मामलों में ही अध्यादेश जारी किया जा सकता है।
शीर्ष अदालत ने गुरुवार को दिए गए फैसले में कहा कि राष्ट्रपति या गवर्नर संवैधानिक जरूरतों से संतुष्ट हुए बगैर अध्यादेश जारी नहीं कर सकते।पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने सरकार चलाने के लिए बहुत ज्यादा अध्यादेश लागू करने के खिलाफ व्यवस्था देते हुए कहा कि केवल आवश्यक मामलों में ही अध्यादेश जारी किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ द्वारा 30 पृष्ठों के आदेश में अध्यादेश लागू करने के लिए कार्रवाई को भी रेखांकित किया गया है। इससे पहले जुलाई 2021 में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने कहा था कि प्रधानमंत्री इमरान खान की अगुआई वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की सरकार ने जुलाई 2018 में सत्ता संभालने के बाद से तीन साल के दौरान कम से कम 54 अध्यादेश जारी किए।
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