प्रोफेसर बिमल पटेल अंतरराष्ट्रीय विधि आयोग में 5 वर्ष के लिए निर्वाचित

राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य प्रोफेसर बिमल पटेल को संयुक्त राष्ट्र में कड़े मुकाबले में पांच साल के कार्यकाल के लिए अंतरराष्ट्रीय विधि आयोग में निर्वाचित किया गया है।

Update: 2021-11-14 02:12 GMT

राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य प्रोफेसर बिमल पटेल को संयुक्त राष्ट्र में कड़े मुकाबले में पांच साल के कार्यकाल के लिए अंतरराष्ट्रीय विधि आयोग में निर्वाचित किया गया है। उनका कार्यकाल एक जनवरी, 2023 से शुरू होगा।

पटेल को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 192 मौजूदा सदस्यों में से 163 वोट मिले और वह एशिया-प्रशांत समूह में शीर्ष पर रहे जिसमें चीन, दक्षिण कोरिया और जापान के उम्मीदवार भी थे। चीन को 142 वोट ही मिल पाए। हिंद-प्रशांत समूह में आठ सीटों के लिए 11 बेहद मजबूत उम्मीदवार थे। इस कारण यह मुकाबला बेहद कड़ा हो गया था।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने ट्वीट किया, रक्षा विवि के प्रोफेसर बिमल पटेल को समूह में शीर्ष पर आकर अंतरराष्ट्रीय विधि आयोग में सदस्य के रूप में चुने जाने के लिए हार्दिक बधाई। तिरुमूर्ति ने भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों का आभार भी जताया। चुनाव नतीजों की घोषणा के तुरंत बाद यूएन में भारतीय स्थायी मिशन ने कहा, आईएलसी में हमारा योगदान नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
चीन को दक्षिण व पूर्वी सागर में विवाद का खामियाजा
भारत के बिमल पटेल 163 मतों के साथ शीर्ष पर रहे जबकि चीन सिर्फ 142 मतों का ही प्रबंधन कर सका। यहां तक कि थाईलैंड 162, जापान 154 और वियतनाम 145 मतों के साथ चीन से आगे रहे। चीन के बाद दक्षिण कोरिया को 140 मत मिले, साइप्रस को 139 और मंगोलिया को 123 वोट हासिल हुए। चीन को दक्षिण और पूर्वी सागर में क्षेत्रीय विवादों में उलझने के कारण पर्याप्त मत नहीं मिल सके।
कई वैश्विक संगठनों में काम कर चुके हैं बिमल पटेल
बिमल पटेल एक सम्मानित शिक्षाविद्, न्यायविद और प्रशासक हैं और तीन दशकों से अधिक के अपने पेशेवर करियर के दौरान, उन्होंने गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में निदेशक और भारत के 21 वें विधि आयोग के सदस्य जैसी विभिन्न भूमिकाओं में काम किया है। उन्होंने हेग, नीदरलैंड में संयुक्त राष्ट्र युवा और रासायनिक हथियारों के निषेध संगठन (ओपीसीडब्ल्यू) जैसे वैश्विक संगठनों में 15 वर्षों तक काम किया है।

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