प्रधानमंत्री इमरान खान ड्रैगन की धमकी से डरे, अब चीनी नागरिकों को देंगे मुआवजा

वहीं नए प्रॉजेक्‍ट की मंजूरी भी दोनों तरफ से ठप हो गई है।

Update: 2022-01-19 05:52 GMT

चीन के आर्थिक गुलाम बनते जा रहे पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ड्रैगन की धमकी से डर गए हैं। इमरान खान अब दासू पनबिजली परियोजना पर हुए आतंकी हमले में हताहत हुए चीनी नागरिकों को अरबों रुपये का मुआवजा देने जा रहे हैं। पाकिस्‍तान सरकार 36 चीनी नागरिकों को मुआवजा देगी जिसमें से 10 की आत्‍मघाती हमले में मौत हो गई थी। वहीं 26 अन्‍य घायल हो गए थे। कंगाली की हालत से गुजर रहे पाकिस्‍तान के मुआवजा देने में आनाकानी करने से चीन ने काम बंद करने की धमकी दी थी।

एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून की रिपोर्ट के मुताबिक इस मुआवजे को लेकर चीन और पाकिस्‍तान के बीच राजनयिक तनाव पैदा हो गया था। इमरान सरकार 4 तरीके का मुआवजा देने जा रही है जिसमें 81 करोड़ रुपये से लेकर 3.6 अरब रुपये तक का मुआवजा शामिल है। इस पूरे मामले में महत्‍वपूर्ण बात यह है कि पाकिस्‍तान कानूनी रूप से या समझौते की शर्त के रूप में मुआवजा देने के लिए बाध्‍य नहीं था। इसके बाद भी इमरान खान सरकार चीनी धमकी के आगे झुक गई और अब अरबों रुपये मुआवजा देगी।
चीनी ठेकेदार ने दासू प्रॉजेक्‍ट पर काम भी बंद कर दिया
डासू प्रॉजेक्‍ट के लिए विश्‍व बैंक पैसा दे रहा है और यह चाइना पाकिस्‍तान इकनॉमिक कॉरिडोर में भी नहीं आता है। इस हमले में 4 पाकिस्‍तानी नागरिक भी मारे गए थे। इमरान खान सरकार ने अंतरराष्‍ट्रीय बेइज्‍जती से बचने के लिए पहले इस घटना को गैस लीकेज करार दिया था जिससे चीन भड़क गया था और उसने सीपीईसी की बैठक को रद कर दिया था। चीनी ठेकेदार ने दासू प्रॉजेक्‍ट पर काम भी बंद कर दिया था। इसके बाद इमरान सरकार ने माना कि यह आतंकी हमला है।
चीनी कंपनी ने मुआवजे के रूप में 3.7 करोड़ डॉलर की भारी भरकम राशि की मांग की थी। चीन की दादागिरी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उसने जो मुआवजा मांगा था, वह चीन में इसी तरह से होने वाले हमले में मिलने वाले मुआवजे से भी ज्‍यादा था। बता दें कि चीन की सीपीईसी परियोजना लगातार पाकिस्‍तान में झटके खा रही है। एक तरफ जहां काम की रफ्तार धीमी हुई है, वहीं नए प्रॉजेक्‍ट की मंजूरी भी दोनों तरफ से ठप हो गई है।

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