राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग: एक देश की सफलता का मतलब दूसरे देश की विफलता नहीं

बाइडेन की मानें तो आज अमेरिका बेहतर तरीके से तैयार है और उसे प्रोपगेंडा का मुकाबला करना भी काफी अच्‍छे से आता है.

Update: 2021-09-22 04:28 GMT

अमेरिका (US China Tension) के साथ बढ़ते तनाव के बीच चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने मंगलवार को अपने देश की बहुपक्षवाद की दीर्घकालिक नीति दोहरायी और संयुक्त राष्ट्र (United Nations General Assembly UNGA) में विश्व नेताओं से कहा कि देशों के बीच विवादों को 'बातचीत और सहयोग के माध्यम से सुलझाने की आवश्यकता है.'

शी की इस टिप्पणी से कुछ घंटे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि उनका 'एक नया शीत युद्ध' शुरू करने का कोई इरादा नहीं है. शी जिनपिंग न्‍यूयॉर्क में नहीं थे मगर उनके के रिकॉर्डेड भाषण को यहां पर टेलीकास्‍ट किया गया था. उन्‍होंने अपने भाषण में कहा, 'एक देश की सफलता का मतलब दूसरे देश की विफलता नहीं है. दुनिया सभी देशों के साझा विकास और प्रगति को समायोजित करने के लिए काफी बड़ी है.'
जिनपिंग बोले-बातचीत की जरूरत
चीन अक्सर बहुपक्षवाद का उपदेश देता है, हालांकि इसके आलोचकों का कहना है कि ताइवान और दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय विवादों के प्रति उसकी नीतियां कुछ और ही संकेत देती हैं. सीधे अमेरिका का जिक्र किए बिना शी ने कहा, 'बाहर से सैन्य हस्तक्षेप और लोकतांत्रिक परिवर्तन में नुकसान के अलावा कुछ भी नहीं है. दुनिया सभी देशों के साझा विकास और प्रगति को समायोजित करने के लिए काफी बड़ी है. हमें टकराव और बहिष्कार पर बातचीत और समावेश को तरजीह देने की जरूरत है. '
वहीं संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनिया गुतारेस ने पहले कहा था वाशिंगटन और बीजिंग दोनों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि उनके मतभेद और तनाव उनके 42 साल पुराने रिश्ते को पटरी से नहीं उतारें.
जो बाइडेन ने न्‍यूयॉर्क में अपने पहले संबोधन में कहा कि अमेरिका की सैन्य शक्ति उसका अंतिम विकल्‍प होना चाहिए न कि पहला. बाइडेन के मुताबिक हथियारों से कोविड-19 महामारी या उसके भविष्य के वरिएंट्स से बचाव नहीं किया जा सकता है, बल्कि यह विज्ञान और राजनीति की सामूहिक इच्छाशक्ति से ही संभव है. चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच जो बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र से कहा कि अमेरिका एक नया शीत युद्ध नहीं शुरू करना चाहता.
क्‍या कहा था बाइडेन ने
राष्‍ट्रपति बाइडेन ने अपनी पहली स्‍पीच में कहा कि आज देशों की आजादी, समृद्धशीलता और आजादी पहले से कहीं ज्‍यादा आपस में जुड़ा हुआ है. उन्‍होंने अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सेनाओं की वापसी का भी बचाव किया. अमेरिकी सेनाओं के कमांडर-इन-चीफ बाइडेन ने कहा कि अमेरिका इस समय अपने उन सभी संसाधनों को विकसित करने में जुटा है जिसकी मदद से वो आने वाले समय में तमाम चुनौतियों से निपट सकेगा.
उनका कहना था कि ये वो चुनौतियां हैं जो भविष्‍य के लिए अहम हैं न कि पिछले युद्धों के लिए लड़ना. बाइडेन ने दुनियाभर के नेताओं को बताया कि महामारी, क्‍लाइमेट संकट, आतंकवाद और शक्तियों में होने वाले बदलावों से निपटना अब मुख्‍य केंद्र बिंदु होना चाहिए. बाइडेन की मानें तो आज अमेरिका बेहतर तरीके से तैयार है और उसे प्रोपगेंडा का मुकाबला करना भी काफी अच्‍छे से आता है.

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