राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बड़ा बयान, कहा- जंग खत्म करना चाहते हैं
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नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को 300 दिन से भी ज्यादा हो चुके हैं. लेकिन दोनों देशों के बीच जारी जंग फिलहाल थमती नहीं दिख रही है. हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की अमेरिका की यात्रा पर गए, जहां US ने उन्हें 1.85 बिलियन डॉलर की आर्थिक मदद दी है. हालांकि, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बड़ा बयान दिया है.
पुतिन ने रूस में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा है कि यूक्रेन के साथ लंबे से जारी जंग को यूक्रेन खत्म करना चाहता है. उन्होंने आगे कहा कि उनका लक्ष्य सैन्य संघर्ष को जारी रखना नहीं है. बल्कि वो तो इसके विपरीत युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं. पुतिन ने कहा कि जंग खत्म करने के लिए वे प्रयास कर रहे हैं और आगे भी इस तरह के प्रयास करते रहेंगे. हथियारों से लैस जंग को सिर्फ कूटनीतिक बातचीत के जरिए ही समाप्त किया जा सकता है.
पैट्रियट पुराना एयर डिफेंस सिस्टम
मीडिया से बातचीत के दौरान पुतिन ने यूक्रेन को सप्लाई किए जा रहे अमेरिकी पैट्रियट डिफेंस सिस्टम के बारे में भी बातचीत की. उन्होंने कहा कि अमेरिका यूक्रेन को जो पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति कर रहा है, वह अमेरिका की पुरानी हथियार प्रणाली है और रूस इसका मुकाबला करने में सक्षम है. रूस के पास इसका मुकाबला करने के लिए एस-300 सिस्टम है.
पीछे हटने को तैयार नहीं है नाटो
हाल ही में नाटो समूह के प्रमुख और महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने रूस-यूक्रेन जंग पर कहा था कि नाटो पीछे नहीं हटने वाला है. उन्होंने कहा था कि इस युद्ध के शांतिपूर्ण समझौते की संभावनाओं को बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि हम यूक्रेन की मदद करते रहें. जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा था कि नाटो यूक्रेन की हरसंभव मदद करेगा. रूस लगातार यूक्रेन के ऊर्जा बुनियादी ढांचे (Energy Infrastructure) पर हमला कर रहा है. ऐसे समय में जैसे-जैसे सर्दी नजदीक आएगी, यूक्रेन को और अधिक संसाधनों की आवश्यकता होगी.
10 महीने में गई हजारों लोगों की जान
रूस ने 24 फरवरी को अपने पड़ोसी देश यूक्रेन पर आक्रमण किया था. पिछले लगभग 10 महीनों में इस जंग ने हजारों लोगों की जान ले ली है और लाखों लोगों को विस्थापित कर दिया है.यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस सप्ताह कहा था कि रूस को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप के सबसे बड़े संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक कदम उठाना चाहिए और क्रिसमस तक यूक्रेन से अपनी सेनाएं वापस बुलानी शुरू कर देनी चाहिए.रूस ने जेलेंस्की की सेना की वापसी के आह्वान को खारिज कर दिया है और कीव को कहा है कि वो नई क्षेत्रीय 'वास्तविकताओं' को स्वीकार करने के लिए तैयार रहे.